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108 बच्चों की मौत देख चुके मुजफ्फरपुर के अस्पताल के पीछे मिले मानव कंकाल, प्रशासन पर उठे सवाल

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मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, जो अपनी बदहाली को लेकर पिछले कुछ हफ़्तों से सुर्ख़ियों में है, के पीछे इंसानों के कंकाल पाए गए हैं. एसकेएमसीएच में अबतक चमकी बुखार के कारण 108 बच्चों की मौत हो चुकी है.

मानव शरीर के अवशेष मिलने के बाद अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट एसके शाही ने कहा, ‘पोस्टमॉर्टम विभाग प्राचार्य के अधीन आता है, लेकिन इसमें मानवीय संवेदनाओं को ध्यान रखना चाहिए. मैं प्रिंसिपल से बात करूंगा और उन्हें इस मामले की जांच के लिए जांच कमेटी बनाने के लिए कहूंगा.’

अस्पताल की एक टीम ने कंकाल मिलने वाली जगह का निरीक्षण भी किया है. साथ ही अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश देने का भरोसा दिलाया है.

जगह का निरीक्षण करने के बाद, अस्पताल के डॉ. विपिन कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘यहां मानव कंकाल के अवशेष मिले हैं. प्रिंसिपल पूरी जानकारी देंगे.’

जहां अबतक अस्पताल प्रशासन पर चमकी बुखार के कारण हुई बच्चों की मौतों, डॉक्टरों की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और गंदगी जैसे कई मुद्दों को लेकर सुर्ख़ियों में बना हुआ था,वहीं ऐसे में अस्पताल के प्रांगण में मानव कंकालों का मिलना प्रशासन पर और भी संगीन सवाल खड़े करता है.

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बिहार में चमकी बुखार के कारण अबतक 145 बच्चों की मौत हो चुकी है. 145 का यह आंकड़ा अस्पताल में दर्ज की गयी मौतों का आधिकारिक आंकड़ा है, जबकि गांवों और घरों में चमकी बुखार से हुई मौतों का अबतक भी कोई हिसाब नहीं है.

शुक्रवार को चमकी बुखार के मुद्दे को संसद में भी उठाया गया.

लोकसभा में भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने शुक्रवार को लोकसभा में चमकी बुखार का मामला उठाया. उन्होंने चमकी बुखार होने के पीछे लीची खाने का तर्क देने को साजिश बताया. उन्होंने कहा कि इसके लिए लीची को दोष देना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि लीची को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों के कारण लीची के निर्यात में भारी गिरावट आयी है. हजारों टन लीची बंदरगाहों पर पड़ी है. इससे बिहार के लीची उत्‍पादकों को भारी नुकसान भी हो रहा है.

लोकसभा में कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी ने बच्चों की मौत का मुद्दा उठाया. उन्होंने सरकार से इसपर अपना पक्ष साफ़ करने की मांग की कि सरकार आखिर बिहार में हो रही मौतों को रोकने की दिशा में क्या कदम उठा रही है. इस क्रम में उन्होंने मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना पर भी सवाल उठाए.

सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए, बुधवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए तत्काल चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर 24 जून को सुनवाई करने पर सहमति जताई है.