कर्नाटक के चिकमंगलुरू में एक नाबालिग के साथ रेप, यौन हमले और तस्करी की दर्दनाक खबर सामने आ रही है। दरअसल यहाँ 17 लोगों ने एक नाबालिक के साथ एक नहीं बल्कि 5 महीनों तक लगातार रेप किया। फिलहाल पुलिस ने इस मामले के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इतना ही नहीं पुलिस ने बताया कि पीड़िता की आंटी भी गिरफ्तार हुए लोगों में शामिल है।
जिला बाल कल्याण समिति के प्रमुख ने दर्ज कराई FIR।
इस जघन्य अपराध का खुलासा तब हुआ जब 30 जनवरी को जिला बाल कल्याण समिति के प्रमुख की तरफ से की गई शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज की। इस पूरे मामले में समिति के प्रमुख ने 17 लोगों पर 15 वर्षीय नाबालिग का रेप और यौन हमले का आरोप लगाया है।
17 लोगों ने पांच महीनों तक किया नाबालिग का रेप- पुलिस।
इस दुष्कर्म के मामले में पुलिस का कहना है कि 17 लोगों ने पांच महीनों तक नाबालिग का रेप किया था। और तो और दिल दहला देने वाली बात ये है कि पीड़िता की आंटी इस मामले में मुख्य आरोपी है।
कैसे शुरू हुआ हैवानियत का सिलसिला।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पीड़िता एक पत्थर तोड़ने वाली जगह पर काम करती थी। यहां उसकी गिरीश नाम के बस ड्राइवर से जान-पहचान हो गई थी, जिसने बाद में उसका यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद पीड़िता के साथ हैवानियत का सिलसिला शुरू हो गया।
मां की मौत के बाद आंटी के साथ रहती थी नाबालिक।
पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, गिरीश ने पीड़िता का नंबर किसी अभि नाम के व्यक्ति को दिया। अभि ने भी पीड़िता के साथ रेप किया और उसकी फोटो लेकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। बाद में अभि के दोस्तों ने भी पीड़िता के साथ हैवानियत को अंजाम दिया। बता दे पीड़िता की मां की तीन साल पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद वह अपनी आंटी के साथ रहने लगी थी।
बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस।
इस पूरे मामले में पुलिस ने पीड़िता की आंटी को भी गिरफ्तार किया था। दरअसल उसको पीड़िता के साथ हो रहे जुल्म की जानकारी थी और उसने पुलिस को जानकारी देने की बजाय आरोपियों की मदद की थी। इधर पुलिस ने पीड़िता की आंटी के साथ-साथ पत्थर तोड़ने वाली इकाई के मालिक के अलावा कई आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और बाकियों की तलाश जारी है। इतना ही नहीं पुलिस का दावा है कि बाकी आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आरोपियों के खिलाफ इन धाराओं में मामला दर्ज।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, बाल श्रम अधिनियम, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अलावा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 201, 370, 376 (3) और 376 (n) के तहत मामला दर्ज किया है।