भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, देश में कई स्थानों पर तापमान 45 डिग्री तक पहुंचने के साथ देश में भीषण गर्मी की लहर चल रही है, तापमान में वृद्धि होने की उम्मीद है और उत्तर भारत में हीटवेव जारी रहेगी.
इस चिलचिलाती गर्मी से निर्जलीकरण, हीट स्ट्रोक, थकावट, हीट रैश, सनबर्न, हृदय गति में वृद्धि और निम्न रक्तचाप जैसे परिणाम हो सकते हैं.
भारत की भीषण गर्मी में सुरक्षित रहने के लिए ध्यान देने बातें जो आपको इससे बचा सकती हैं वह यहां दी गई है.
क्या करें…
– खूब पानी पिएं, भले ही आपको प्यास न लगे. नमकीन तरल पदार्थ (लस्सी, नींबू पानी, फलों का रस, ओआरएस) का सेवन बढ़ाएं.
– बाहर जाते समय छाया में रहें और छाता, टोपी या गीले तौलिये का प्रयोग करें
– तरबूज, खीरा, नींबू या संतरे जैसे हाइड्रेटिंग फलों का सेवन करें.
– सूती कपड़े पहनें जो हल्के, हल्के रंग के और सांस लेने योग्य हों.
– घर के अंदर ठंडा रखने के लिए पर्दे, क्रॉस वेंटिलेशन, शटर या सनशेड का इस्तेमाल करें और रात में खिड़कियां खोलें.
– एक नम तौलिये को संभाल कर रखें, बार-बार ठंडे पानी से नहाएं और खुले क्षेत्र में रहने की कोशिश करें.
– यदि कोई व्यक्ति अस्वस्थ महसूस करता है, विशेष रूप से बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, या पहले से मौजूद चिकित्सा शर्तों के साथ, उन्हें ठंडे स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए, ठंडे पानी से स्पंज करें, कपड़े में लिपटे आइस पैक लगाएं और उन्हें निकटतम स्वास्थ्य सुविधा में ले जाए.
– पालतू जानवरों को छाया में रखें और हाइड्रेटेड रखें.
क्या ना करें…
– शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय जैसे निर्जलीकरण पेय का सेवन न करें.
– ऐसी गतिविधियाँ न करें जो आपके हृदय गति को बढ़ाती हैं, जैसे जिम, दौड़ना या भारी वजन उठाना.
– धूप में बाहर न जाएं, खासकर दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे के बीच.
– गहरे रंग के, सिंथेटिक और टाइट कपड़े न पहनें.
– बच्चों या पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ी में या बाहर कहीं भी छोड़ न दें.