हिमाचर के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का लंबी बीमारी के चलते आज तड़के निधन हो गया है। उनके निधन से राजनैतिक गलियारों में शोक की लहर उमड़ पड़ी है। इससे पहले वीरभद्र दो बार कोरोना को मात दे चुके थे। लेकिन, बीते सोमवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ने की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। बता दे वह 87 वर्ष के थे। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में उन्होंने तड़के 3.40 बजे अंतिम सांस ली है।
इधर आज उनका पार्थिव शरीर उनके निजी आवास शिमसा हॉलीलॉज लाया गया है और कई नेता और परिवार वाले अंतिम दर्शन के लिए वहां पहुंच रहे है।
अंतिम संस्कार होगा उनके पैतृक शहर में।
खबरों की मानें तो सीएम का आंतिम संस्कार शनिवार को उनके पैतृक शहर रामपुर बुशहर में किया जाए, लेकिन, शुक्रवार को शिमला के रिज मैदान के अलावा, सुबह 9 बजे से 12 बजे तक कांग्रेस कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।
प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक किया घोषित ।
इधर उनके निधन के बाद प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। आज गुरवार को सरकारी दफ्तरों में सरकार ने एक दिन का अवकाश घोषित किया है। शोक के दौरान प्रदेश में कोई सरकारी मनोरंजन संबंधी कार्यक्रम नहीं होंगे। प्रदेश के सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे। तीन दिन तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदेश में आठ से 10 जुलाई तक राजकीय शोक रहेगा।
वीरभद्र के देहांत पर नड्डा, जयराम और कश्यप से लेकर पीएम, राष्ट्रपति ने तक जताया शोक।
वहीं, देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं संसद सुरेश कश्यप, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रभारी अविनाश राय खन्न, सह प्रभारी संजय टंडन, संगठन महामंत्री पवन राणा, महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, राकेश जम्वाल एवं त्रिलोक कपूर ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है।