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सुप्रीम कोर्ट ने पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को सौंपी केंद्र के अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका को पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ के पास भेज दिया. यह आदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पारित किया.

 

सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिल्ली सरकार द्वारा दायर याचिका के जवाब में केंद्र को नोटिस जारी किया था, जिसमें नौकरशाहों पर नियंत्रण के संबंध में केंद्र द्वारा जारी अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी.

 

अपनी याचिका में, दिल्ली सरकार ने केंद्र के अध्यादेश की कड़ी आलोचना की, इसे “असंवैधानिक” करार दिया और इसे तत्काल रद्द करने की मांग की. याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि अध्यादेश एक निर्वाचित सरकार के अधिकार को कमजोर करता है और इसके बजाय सत्ता को “अनिर्वाचित” उपराज्यपाल के हाथों में सौंप देता है.

 

केंद्र सरकार ने 19 मई को एक अध्यादेश लागू कर दिल्ली में आईएएस और दानिक्स अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को अपने नियंत्रण में ले लिया.

 

यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद लाया गया था, जिसमें पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े मुद्दों को छोड़कर, नौकरशाहों के तबादलों पर निर्वाचित सरकार को अधिकार प्रदान किया गया था. इस अध्यादेश ने प्रशासनिक क्षेत्राधिकार को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच नए सिरे से विवाद पैदा कर दिया है.