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श्रीलंका में हुई बमबारी में स्थानीय व्यापार टाइकून के बेटे शामिल

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श्रीलंका में ईस्टर संडे के दिन हुए हमलों में शामिल नौ आत्मघाती हमलावरों में से दो कोलंबो के एक प्रमुख परिवार के सदस्य थे.

रिपोर्ट्स के अनुसार दो भाई, इमसथ अहमद इब्राहिम और इल्हाम अहमद इब्राहिम, जो जाने माने मसाला व्यापारी मोहम्मद इब्राहिम के बेटे थे, इस हमले में शामिल थे.

हमलों के मद्देनजर, हिरासत में लिए गए दर्जन भर लोगों में से एक, कोलंबो स्थित इशाना एक्सपोर्ट्स कंपनी के संस्थापक इब्राहिम भी थे.

एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि श्रीलंका में हुए विनाशकारी बम धमाकों को मद्देनज़र रखते हुए, जिनसे देश भर के सैंकड़ों लोग हताहत हुए हैं, सरकार ने बुधवार को देर रात, अगले दिन सुबह तक के लिए कर्फ्यू की घोषणा कर दी थी.

रात 10 बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया था, स्थानीय समय (12.30 बजे). गुरुवार सुबह 4 बजे तक के लिए ये कर्फ्यू लगाया गया.

21 अप्रैल को, जब ईसाई समुदाय ईस्टर संडे के मौके पर खुशियां मना रहा था, तभी कोलंबो, नेगोंबो, कोचचिदे और बटियाकोला के श्रीलंकाई शहरों में आठ विस्फोटों ने कई उपनगरों को तहस- नहस कर दिया. हमलों में कुल 350 से भी अधिक लोग अब तक अपनी जान गवां चुके हैं, वहीं 560 से भी अधिक लोग घायल हो चुके हैं. मृतकों में से, लगभग 39 लोगों की पहचान विदेशियों के रूप में की गई है.

बुधवार को, श्रीलंका के राज्य रक्षा मंत्री रुवन विजेवार्डीन ने पत्रकारों को बताया कि ईस्टर के हमलों के पीछे पाए गए अपराधी अच्छी तरह से शिक्षित थे, उच्च-मध्यम वर्गीय परिवारों से संबंध रखते थे और आर्थिक रूप से स्वतंत्र थे.

उन्होंने आगे कहा कि अच्छे घरों से संबंध होने के बाद भी उनका इन हमलों में शामिल होना एक चिंताजनक विषय है.

इस बीच, ब्रिटिश सुरक्षा सूत्रों ने एक और अपराधी की पहचान अब्दुल लतीफ जमील मोहम्मद के रूप में की है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह 2006 से 2007 तक इंग्लैंड के दक्षिण-पूर्व में पढ़ाई करता था और श्रीलंका लौटने से पहले ऑस्ट्रेलिया में स्नातकोत्तर छात्र था.

इसके अलावा, श्रीलंकाई अधिकारियों ने दावा किया है कि आरोपियों में से एक की पहचान राष्ट्रपति के एक सलाहकार, शिरल लक्थिलका के रूप में की गई है. लक्थिलका, जिसने खुद को शाथरी-ला होटल में उड़ा लिया था, को इस हमले का ‘मास्टरमाइंड’ बताया गया है.

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सिलसिलेवार बम धमाकों को रोकने में अपनी निष्क्रियता के लिए श्रीलंकाई सरकार की तीखी आलोचनाओं के बीच, राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने बुधवार को हमलों की पूर्व चेतावनी में गलत सूचना देने के आरोपों पर अपने रक्षा मंत्री और पुलिस महानिरीक्षक को बदलने का फैसला ले लिया है.

मारे गए और घायल हुए लोगों में से अधिकांश श्रीलंकाई थे, इसके साथ ही मृतकों में 39 विदेशी भी शामिल थे, जिनमें से 10 की पहचान भारतीयों के रूप में की गयी है. अन्य में ब्रिटिश, अमेरिकी, ऑस्ट्रेलियाई, तुर्की, चीनी, डेनिश, डच और पुर्तगाली नागरिक शामिल थे.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के हवाले से खबर आई है कि मृतकों में 45 बच्चे थे.