भारत में कोरोना की दूसरी लहर अभी थमी नहीं है।यह वही लहर है जिसने बीते महीने भारत को अंदर तक झकझोर दिया था। आज भी देश में रोजाना लाखों की संख्या में लोग पॉज़िटिव पाये जा रहे हैं, वहीं हजारों लोगों की इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से मौत हो रही है। अब आपको बता दे कि भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए ‘डेल्टा’ वैरिएंट जिम्मेदार है। यह वैरिएंट ‘अल्फा’ से 50% अधिक संक्रामक और खतरनाक है।
किस शोध में हुआ खुलासा ?
द इंडियन SARS COV2 जीनोमिक कंसोर्टिया (INSACOG) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए ‘डेल्टा’ वैरिएंट जिम्मेदार है। इतना ही नहीं स्टडी में यह बात भी सामने आई है कि Delta वैरिएंट ( B.1.617.2), Alpha (B.1.1.7) के मुकाबले 50% ज्यादा तेजी से फैल सकता है।
B.1.617 variant & its lineage B.1.617.2 were primarily responsible for surge in cases with high transmissibility of 50% more than Alpha variant (B.1.1.7), as per study by INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genome Sequencing Consortia ) & National Centre for Disease Control (NCDC)
— ANI (@ANI) June 4, 2021
भारत में डेल्टा वैरिएंट है सबसे प्रमुख।
दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने सभी वैरिएंटों को पीछे छोड़ दिया और देश में कोरोना का सबसे प्रमुख वैरिएंट मौजूदा समय में डेल्टा ही है। बता दें कि कुल 29000 जीनोम अनुक्रमण (सिक्वेंसिंग) में 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। अबतक इस वैरिएंट के 12,200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इस वैरिएंट की मौजूदगी देश के सभी राज्यों में है। डेल्टा वैरिएंट का सबसे ज्यादा असर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में देखने को मिला है।
WHO भी बता चूका है इस वैरिएंट को चिंता का विषय।
बता दे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में कहा है कि भारत में पाया गया डेल्टा वैरिएंट ही अब चिंता का सबब है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘‘यह साबित हो गया है कि लोगों की जान को सबसे अधिक खतरा बी.1.617.2 से है जबकि बाकी के स्वरूपों में संक्रमण फैलाने की दर बहुत कम है।’