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शीला दीक्षित प्रदर्शन कर राहुल से करेंगी इस्तीफा नहीं देने का आग्रह

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष के रूप में पद ना छोड़ने का आग्रह करने के लिए बुधवार को अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ उनके आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगी.

गांधी मैदान के तुगलक लेन निवास के बाहर शाम 4 बजे प्रदर्शन शुरू होगा.

दीक्षित ने कहा,”हम राहुल गांधी के आवास के पास जा रहे हैं, वहां अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रदर्शन करेंगे कि उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए. पार्टी को बहुत भारी नुकसान होगा जो हम नहीं चाहते हैं. ऐसा ना करने के लिए हम उनसे निवेदन करने जा रहे हैं.”

दीक्षित ने मंगलवार को भी राहुल गांधी से पद ना छोड़ने का निवेदन करते हुए कहा था कि पार्टी पहले भी कई मुश्किल दौर से गुज़र चुकी है और हर बार परिस्थितियों का सामना कर दमदार वापसी की है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भी कांग्रेस ने 1977 में हुई कड़ी हार का सामना कर ढाई साल बाद ही वापसी की थी.

इस बीच, कर्नाटक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और राहुल गांधी से कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका जारी रखने का आग्रह किया.

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी भी एक प्रस्ताव पारित करेगी, जिसमें गांधी को पद ना छोड़ने और पार्टी को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के लिए कहा जाएगा.

गांधी ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए शनिवार को आयोजित कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अपने पद से हटने की पेशकश की थी. हालांकि, सीडब्ल्यूसी द्वारा उनके प्रस्ताव को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया था.

अब तक कई शीर्ष नेता गांधी से मिल चुके हैं और उनसे पार्टी का नेतृत्व करने का आग्रह करते रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ सदस्यों द्वारा अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए 48 वर्षीय पार्टी प्रमुख को मनाने के गंभीर प्रयास करने के बावजूद वे अपने फैसले पर अडिग हैं.

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मंगलवार को, पार्टी ने कहा कि वे किसी भी संकट का सामना नहीं कर रहे हैं और सभी अटकलें सिर्फ मीडिया का निर्माण हैं.

हाल के आम चुनावों में कांग्रेस ने 52 सीटें जीतीं, जो कि 2014 की तुलना में सिर्फ आठ अधिक है, जबकि भाजपा को 303 पर जीत मिली.

बता दें कि शीला दीक्षित उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस की उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें भाजपा उम्मीदवार मनोज तिवारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस दिल्ली की सातों ही सीटों पर अपना खाता नहीं खोल पाई है.