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शिवराज सरकार का बड़ा एलान, मध्य प्रदेश के मूल निवासी बच्चों को ही मिलेगी सरकारी नौकरी

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प्रदेश में बढ़ती बेरोज़गारी की समस्या को देखते हुए मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए शिवराज सरकार ने बड़ा एलान किया है. घोषणा के मुताबिक अब सिर्फ मध्य प्रदेश के बच्चों को ही सरकारी नौकरी मिलेगी. दूसरे राज्यों के आवेदकों को किसी तरह की सरकारी नौकरी में तरजीह नहीं दी जाएगी. आज (18 अगस्त) को सीएम शिवराज ने बैठक में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसके लिए आवश्यक कानून बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के संसाधन मध्य प्रदेश के बच्चों के लिए हैं. इसलिए सरकारी नौकरी भी उनका ही हक होना चाहिए.

सीएम शिवराज ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 15 अगस्त 2020 के अपने उद्बोधन में की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए.

 

हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों की भर्ती होगी अनिवार्य

वही बढ़ती बेरोज़गारी की समस्या को देखते हुए कुछ ही दिनों पहले हरियाणा ने पहल की है। हरियाणा सरकार ने स्थानीय आबादी की बेरोजगारी की समस्या को प्राथमिकता आधार पर हल करने के मकसद से ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार अध्यादेश, 2020’ लाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।

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अध्यादेश का प्रारूप यानी की (फॉर्मेट) मंत्रिमंडल की अगली बैठक में लाया जाएगा। इसके तहत हरियाणा में स्थित निजी तौर पर प्रबंधित कंपनियों, सोसाइटियों, ट्रस्टों, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्मों, पार्टनरशिप फर्मों आदि में 50 हजार रुपये प्रतिमाह से कम वेतन वाली नौकरियों के मामले में नए रोजगारों का 75 प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों को मुहैया करवाएगा। हालांकि, नियोक्ता के पास एक जिले से केवल 10 प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों की भर्ती का विकल्प होगा। यदि उद्योग की किसी विशिष्ट श्रेणी के लिए उपयुक्त स्थानीय उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होते हैं तो छूट खंड का भी प्रावधान किया जाएगा।

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