भाजपा के पूर्व सांसद और अब कांग्रेस सदस्य, शत्रुघ्न सिन्हा ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है.
रविवार को एक ट्वीट में, शत्रुघ्न सिन्हा, जिन्होंने लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी छोड़ दी थी, ने कहा, “चूंकि मैं सच बोलने के लिए प्रसिद्ध या बदनाम हूं, मुझे यहाँ स्वीकार करना चाहिए, माननीय पीएम नरेंद्र मोदी का 15 अगस्त को लाल किले से भाषण बेहद साहसी, अच्छी तरह से शोध और सोच को उत्तेजित करने वाला था. वह देश की प्रमुख समस्याओं का शानदार विश्लेषण था.”
Since I'm famous or infamous for calling a spade a spade, I must admit here, Hon'ble PM @narendermodi @PMOIndia that your speech from the #RedFort on 15th Aug’19 was extremely courageous, well researched & thought provoking. Superb delivery of the key problems facing the country.
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) August 18, 2019
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़ने से पहले सिन्हा ने अपनी पार्टी के खिलाफ खुलकर बगावत वाले बयान जारी किए थे .इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर कई तीखे हमले किए थे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम द्वारा लाल किले पर दिए गए स्वतंत्रता दिवस भाषण के लिए पीएम मोदी की सराहना के बाद सिन्हा की यह टिप्पणी आई है.
चिदंबरम ने अपने भाषण में पीएम मोदी द्वारा की गई घोषणाओं का स्वागत किया था.
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उन्होंने कहा था, “हम सभी को स्वतंत्रता दिवस पर पीएम द्वारा की गई तीन घोषणाओं का स्वागत करना चाहिए. छोटा परिवार एक देशभक्त कर्तव्य है; धन सृजन करने वालों का सम्मान करें और प्लास्टिक का उपयोग कम करें. तीन उपदेशों में से, मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्री, उनके अधिकारियों और जांचकर्ताओं ने पीएम के दूसरे उद्बोधन को स्पष्ट रूप से सुना और समझा है.”
शत्रुघ्न ने आगे कहा, “पहले भी कई लोग बोल चुके हैं, लेकिन किसी ठोस कार्रवाई या उचित रोड मैप के साथ आगे नहीं बढ़े. ब्रावो-कुडोस! आप निश्चित रूप से सराहना करने के लायक हैं और तालियों के हकदार हैं क्योंकि आपने निरंतर आगे बढ़ रहे भारत के सामने आने वाली ज़रूरी समस्याओं पर बोल कर सिर पर कील को सही तरीके से मारा है.”
गुरुवार को 73 वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने देश में “जनसंख्या विस्फोट” पर चिंता व्यक्त की, यह कहते हुए कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए असंख्य चुनौतियां पैदा कर सकता है, और केंद्र और राज्य सरकारों को इस मुद्दे से निपटने के लिए उपायों का शुभारंभ करना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि धन सृजनकर्ताओं को संदेह की निगाह से नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि उनका सम्मान किया जाना चाहिए.
उन्होंने लोगों से प्लास्टिक का उपयोग कम करने के आग्रह किया और पर्यावरण की रक्षा के लिए जूट और कपड़े की थैलियों के उपयोग करने को प्रोत्साहित किया.