Hindi Newsportal

लॉकडाउन में फंसे लोगों के गुरुग्राम से जाने और बाहर से यहाँ आने के लिए जिला प्रशासन ने जारी किया एसओपी

File image
0 728

गुरुग्राम: लॉकडाउन के दौरान गुरुग्राम जिला से दूसरे प्रदेशों को जाने वालों तथा वहां से गुरुग्राम आने वालों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो, इसके लिए गुरुग्राम जिला प्रशासन द्वारा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एस ओ पी) जारी करते हुए विभिन्न अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

जिलाधीश एवं उपायुक्त अमित खत्री द्वारा जारी किए गए इन आदेशों में गुरुग्राम से जाने तथा यहां पर आने वालों की सुरक्षा की जिम्मेदारी डीसीपी मुख्यालय निकिता गहलोत को दी गई है जो आवश्यकतानुसार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी आ लगाएंगी। वे आगंतुकों को सुरक्षित क्वॉरेंटाइन सुविधा में पहुंचाने, थर्मल स्कैनिंग करवाना तथा सोशल डिस्पेंसिंग का पालन करवाना भी सुनिश्चित करेंगी।

यही नहीं अपने वाहनों से वापस लौटने वाले व्यक्तियों का ई दिशा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन दस्तावेज चेक किया जाएगा तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके वाहनों को सही ढंग से सैनिटाइज किया जाए और वे गृह मंत्रालय की गाइडलाइन अनुसार निर्धारित स्थानों पर अपना मेडिकल करवाने पहुंचे।

गुरुग्राम के एसडीएम जितेंद्र कुमार को माइग्रेंट सेल का जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस कार्य में तहसीलदार गुरुग्राम जीवेंद्र सिंह मलिक, नायब तहसीलदार देसराज कंबोज तथा तहसील क्लर्क सुभाष उनका सहयोग करेंगे। नोडल अधिकारी की टीम से हेल्पलाइन नंबर 1950 अथवा ईमेल sdmgurugram@gmail.com के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।

ALSO READ: COVID-19 LIVE | भारत में 60,000 के करीब पहुंचे कोरोना के मामले, 1,981 की गयी जान

जिला में आने तथा यहां से जाने वालों दोनों प्रकार के व्यक्तियों के आवागमन की सूचना एकत्रित करने की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग के कार्यकारी अभियंता धर्मवीर यादव के नेतृत्व में गठित 11 सदस्यीय टीम की लगाई गई है। इसी प्रकार, गुरुग्राम आने वाले व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करने की जिम्मेदारी उप सिविल सर्जन डॉ सुनीता राठी की लगाई गई है।

जिन व्यक्तियों में कोविड-19 संक्रमण के लक्षण नहीं होंगे उन्हें ही जिला में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यहां से जाने वालों की स्क्रीनिंग और मेडिकल चेकअप हो चुका है यह भी डॉ सुनीता राठी द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। आने वाले व्यक्तियों के पास मेडिकल ऑफिसर का सर्टिफिकेट हो जिसमें यह प्रमाणित किया गया हो कि उक्त व्यक्ति की स्क्रीनिंग हुई है और कोविड-19 के लक्षण नहीं पाए गए।

इसी प्रकार का सर्टिफिकेट यहां से जाने वाले प्रवासी नागरिकों के पास भी होना चाहिए जिसे डॉ राठी सुनिश्चित करेंगी। वही यह निर्णय लेंगी कि बाहर से आने वाले व्यक्ति को होम क्वॉरेंटाइन में रखा जाए या संस्थागत करंट टाइम में अथवा आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाए। डॉ राठी की टीम द्वारा आने वाले व्यक्ति का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा जैसे कि वह कहां से आया है, क्या वह जगह हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जॉन या रेड अथवा ऑरेंज जोन में पड़ती है।

ऐसा करते समय डॉ राठी की टीम द्वारा अपने विवेक का प्रयोग करते हुए ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी व्यक्ति को असुविधा ना हो विशेषकर बच्चों, गर्भवती अथवा दूध पिलाने वाली माताओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों तथा गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों का ध्यान रखा जाएगा। जिला में बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों का मेडिकल चेकअप होगा तथा 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन में रहने वाले व्यक्तियों को सिविल सर्जन द्वारा सुरक्षा के नियमों की जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक आगंतुक के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप अवश्य इंस्टॉल होना चाहिए।

जिला में बाहर से आने वालों को बस की सुविधा उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी राज्य परिवहन गुरुग्राम डिपो की महाप्रबंधक अनु श्योकन्द को दी गई है। नगर निगम द्वारा उन बसों की सैनिटाइजेशन सुनिश्चित की जाएगी।

जो लोग अपने वाहनों से आ-जा रहे हैं, उनके लिए भी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता अनिल कुमार के नेतृत्व में 5 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। बाहर से अपने निजी वाहनों में हरियाणा आने वाले व्यक्ति ई दिशा पोर्टल पर रजिस्टर करें और और आपका अनुमति को डाउनलोड करने के बाद ही यात्रा करें।

बॉर्डर चेक पोस्ट पर मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान उन्हें वह फॉरमेट जमा करवाना होगा। ऐसे व्यक्ति वर्तमान में जिस जिला में रह रहे हैं वहां परमिट के लिए आवेदन करें जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा हो कि वे किस तिथि से किस स्थान पर और कौन से रूट से जा रहे हैं। इस टीम द्वारा एनआईसी से ऐसे व्यक्तियों का डाटा प्राप्त कर लिया जाएगा तथा उन व्यक्तियों को एस एम एस के माध्यम से सूचित किया जाएगा कि गुरुग्राम पहुंचने पर उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग कहां पर होगी।

यही टीम उप सिविल सर्जन डॉ सुनीता राठी के सहयोग से यह सुनिश्चित करेगी कि उन सभी व्यक्तियों की मेडिकल स्क्रीनिंग हो तथा स्क्रीनिंग के दौरान उनके वाहनों की पार्किंग, खाना, पानी तथा शौचालय आदि की व्यवस्था वजीराबाद के तहसीलदार मनीष यादव के सहयोग से की जाएगी। स्क्रीनिंग के लिए शेल्टर होम का भी प्रयोग किया जा सकता है। ऐसे स्थानों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी उस क्षेत्र के ड्यूटी मजिस्ट्रेट तथा थाना प्रभारी की होगी।
इसी प्रकार की व्यवस्था गुरुग्राम जिला से अपने निजी वाहन से दूसरे प्रदेशों को जाने वाले प्रवासी नागरिकों के लिए भी होगी। वे भी ई-दिशा पोर्टल पर आवेदन करें।

उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके निजी वाहन सही तरीके से सैनिटाइज्ड हों तथा गृह मंत्रालय की सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा से संबंधित सभी हिदायतों का पालन हो। कार्यकारी अभियंता अनिल कुमार के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा ही एन आई सी के डीआईओ के सहयोग से प्रवासी नागरिकों को एसएमएस के जरिए सूचित किया जाएगा कि उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग कहां पर होगी।

एसएमएस के माध्यम से ऐसे व्यक्तियों को ये निर्देश भी दिए जाएंगे कि वे सरल पोर्टल पर मेडिकल स्क्रीनिंग सर्टिफिकेट, ई दिशा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन, अपनी यात्रा की प्लान, वाहन की डिटेल तथा परमिशन आदि सभी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। उसके पश्चात कार्यकारी अभियंता अनिल कुमार की टीम द्वारा उस व्यक्ति के आवेदन को प्रोसेस करवाया जाएगा। टीम द्वारा यह डाटा जिला नोडल अधिकारी अर्थात गुरुग्राम के एसडीएम के साथ शेयर किया जाएगा।

Click here for Latest News updates and viral videos on our AI-powered smart news

For viral videos and Latest trends subscribe to NewsMobile YouTube Channel and Follow us on Instagram