कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के बाद अब देश काफी हद तक अनलॉक हो चुका है मगर उसके असर का प्रकोप आज भी कई लोग झेल रहे है। अब मामला एक छात्रा की आत्महत्या का है। दरअसल लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन की द्वितीय वर्ष की छात्रा ने पिछले सप्ताह तेलंगाना में अपने घर पर खुदकुशी कर ली। छात्रा की आत्महत्या के बाद बरामद हुए सुसाइड नोट में इसका कारण छात्रा की वित्तीय परेशानियां निकली। बता दे छात्रा ने 12 कक्षा भी में टॉप किया था।
तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले में मोटरसाइकिल मैकेनिक उनके पिता का कहना है कि वह आईएएस बनना चाहती थी, लेकिन परिवार महामारी के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई के लिए अपनी बेटी को सेकेंड हैंड लैपटॉप दिला पाने में असमर्थ था और इसी तंगी के चलते छात्रा ने आत्महत्या का कदम उठा लिया।
मार्च महीने से नहीं आई थी स्कालरशिप भी।
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया और एनएसयूआइ (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि छात्रा को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से इंस्पायर फेलोशिप मिलनी थी। नियम के मुताबिक मार्च में फेलोशिप मिल जाना चाहिए थी जो नहीं मिली। इतना ही नहीं छात्रा ने सुसाइड नोट में भी फेलोशिप न मिलने की वजह से तनाव का जिक्र किया है।
क्या कहना है कॉलेज का।
इस मामले में लेडी श्री राम कॉलेज की प्राचार्या सुमन शर्मा का कहना है कि मंत्रालय फेलोशिप द्वितीय वर्ष (Second Year) में देता है। लेकिन फेलोशिप के अलावा भी कॉलेज में कई अन्य समितियां हैं, जहां यदि वह अपनी बात रखती तो हम सब साथ खड़े होते। छात्रा ने कभी भी किसी से आर्थिक परेशानी की बात साझा नहीं की।
LSR कॉलेज की प्राचार्या सुमन शर्मा का ये भी कहना है कि कोरोना काल में छात्राओं की परेशानी समझते हुए ही काउंसलिग की सुविधा शुरू की है। बकौल प्राचार्या, छात्रा की मां से उनकी बात हुई, लेकिन उन्होंने इस तरह की कोई बात नहीं कही। फिलहाल छात्रा की आत्महत्या के बाद छात्रों में रोष है और वो लगातार प्रदर्शन कर कॉलेज के खिलाफ अपना आक्रोश दर्ज करा रहे है।