कई घंटों की बहस के बाद राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित कर दिया। विधेयक को 125 मतों के पक्ष में और 105 मतों को विधेयक के विरुद्ध पारित किया गया। विवादित बिल को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोक सभा में पारित किए जाने के दो दिन बाद पेश किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने पर खुशी जताई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की करुणा और भाईचारे के लिए यह ऐतिहासिक दिन है. मुझे खुशी हो रही है कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 राज्यसभा से पास हो गया है. उन सभी सांसदों का धन्यवाद, जिन्होंने वोट दिया.
A landmark day for India and our nation’s ethos of compassion and brotherhood!
Glad that the #CAB2019 has been passed in the #RajyaSabha. Gratitude to all the MPs who voted in favour of the Bill.
This Bill will alleviate the suffering of many who faced persecution for years.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2019
वही अमित शाह ने भी ट्वीट कर कहा है कि “जैसे ही नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पास हुआ, करोड़ों पीड़ित और वंचित लोगों के सपने सच हो गए. अमित शाह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने प्रभावित लोगों के आत्मसम्मान की रक्षा की. मैं सबको उनके
समर्थन के लिए शुक्रिया कहना चाहता हूं.
As the Citizenship Amendment Bill 2019 passes in the Parliament, the dreams of crores of deprived & victimised people has come true today.
Grateful to PM @narendramodi ji for his resolve to ensure dignity and safety for these affected people.
I thank everyone for their support.
— Amit Shah (@AmitShah) December 11, 2019
जबकि कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गान्धी ने कहा “आज भारत के संवैधानिक इतिहास में एक काला दिन है।”
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यह बिल भारत के पड़ोस में तीन मुस्लिम-बहुल देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है। बता दे कि 240 की वर्तमान ताकत के साथ, राज्य सभा में बहुमत का निशान 121 है। एनडीए, जिसमें AIADMK, जनता दल-यूनाइटेड और अकाली दल जैसी पार्टियां शामिल हैं, में 116 सदस्य हैं, और NDA को 14 अन्य लोगों के समर्थन की उम्मीद है.
दूसरी ओर कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलिअन्स (यूपीए) के 64 सदस्य हैं और उम्मीद करते हैं कि 46 अन्य, जैसे तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), बिल का विरोध करने के लिए अपना समर्थन देंगे जिससे कुल संख्या 110 तक हो जाएगी।
संसद के निचले सदन द्वारा बिल को मंजूरी दिए जाने के बाद पूरा पूर्वोत्तर विरोध में भड़क उठा है। वही कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने मसौदा कानून को कथित रूप से नागरिकता के लिए आस्था से जोड़कर संविधान का उल्लंघन बताया। नागरिकता (संशोधन) बिल को लोक सभा से 311-80 से पारित किया गया।
नागरिकता (संशोधन) विधेयक (CAB) 2019, 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, बौद्धों, सिखों, ईसाइयों, पारसियों और जैनियों को नागरिकता देकर 1955 नागरिकता अधिनियम में संशोधन करता है।