जब किसी मंदिर, दुकान या घर का निर्माण होता है, तो उससे पहले उसकी नींव भरी जाती है। वैसे तो आमतौर पर नींव भरने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है, मगर राजस्थान में एक ऐसा वाक्या सामने आया है जहां नींव भरने के लिए पानी की जगह दूध, दही और देसी घी का इस्तेमाल किया गया है।
दरअसल, ये हैरान करने वाला किस्सा राजस्थान के झालावाड़ जिले के रटलाई इलाके का हैं, जहां देवनारायण मंदिर का निर्माण होना है। निर्माण से पहले मंदिर की आधारशिला रखने के लिए नींव भराई के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मंदिर की नींव को दूध, दही और घी से भरा गया। इसके लिए गांव वालों ने अपनी-अपनी श्रद्धा से मंदिर की नींव में दूध, दही और घी का दान किया। मंदिर की नींव भराई में 11,000 लीटर के कुल दूध, दही और देसी घी का इस्तेमाल किया गया।
11000 लीटर में से 1500 लीटर था दही और 1 क्विंटल था देसी घी।
मंदिर निर्माण समिति के प्रवक्ता रामलाल गुर्जर के मुताबिक, “देवनारायण मंदिर के स्थापना समारोह के लिए हमें गुर्जर समुदाय के सदस्यों से 11,000 लीटर दूध, देसी घी और दही भेंट में प्राप्त हुआ।” उन्होंने कहा कि 11000 लीटर में से 1500 लीटर दही और 1 क्विंटल देसी घी था, जबकि बाकी दूध था और इसकी कुल लागत लगभग 1.50 लाख रुपये है।