म्यांमार में तख्तापलट यानी (Military Coup) होने के बाद से ही हालात बेकाबू हो गए हैं। हमारे पडोसी देश में रविवार को यंगून इलाके में प्रदर्शनकारियों ने एक चीनी फैक्ट्री में आग लगा दी गई, जिसके बाद म्यांमार की सेना ने बेरहमी से प्रदर्शनकारियों पर कथित तौर से गोलियां बरसा दी। इस घटना से एक तरफ जहाँ लोग स्तम्भ है तो वही इस गोलीकांड में अब तक 70 प्रदर्शनकारियों की मौत की खबर है। इतना ही नहीं बीते 6 हफ्ते से जारी प्रदर्शन का ये अबतक का सबसे खतरनाक एक्शन माना जा रहा है। इधर यंगून की गोलीबारी में 51 लोगों की जान गई, तो उससे अलग-अलग शहरों में भी 19 लोग रविवार को ही इस प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गावं बैठे।
Today happening in #Myanmar.#Mar15Coup #WhatsHappeningInMyanmar pic.twitter.com/cvopOmlq4U
— Borahae BTS Myanmar (@MyanmarBorahae) March 15, 2021
A total of 32 Chinese-invested factories were vandalized in attacks at Chinese companies in Myanmar as of Monday noon, two Chinese employees injured – Global Times #WhatsHappeningInMyanmar
— Matthew Tostevin (@TostevinM) March 15, 2021
अब तक 125 से ज्यादा लोगों की जान गई।
म्यांमार के एक संगठन के मुताबिक अभी तक के प्रदर्शन में मारे गए लोगों का आंकड़ा 125 के पार पहुंच चुका है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जहां शव पड़े हुए हैं। शनिवार तक 2,150 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
Photos of dead ones hanged together in a tsp. in Yangon. Paying tribute. More than 100 pro-democracy protesters died within 6-weeks of Myanmar #militarycoup.#WhatsHappeningInMyanmar pic.twitter.com/WHZ5w5YDCj
— Naung Kham (@_naungkham) March 15, 2021
"This is the darkest moment of the nation and the moment that the dawn is close."
Acting Vice-president Mahn Win Khaing Than, Republic of the Union of Myanmar
— Civil Disobedience Movement (@cvdom2021) March 15, 2021
सेना का दावा – मजबूरी में करनी पड़ी फायरिंग।
सेना की ओर से चलाए जाने वाले टीवी चैनल के हवाले से बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने इलाके की 4 गारमेंट और फर्टिलाइजर फैक्टरी में आग लगा दी थी। इसके बाद मौके पर फायर ब्रिगेड को रवाना किया गया। प्रदर्शन कर रहे करीब 2,000 लोग फायर ब्रिगेड को रोकने का प्रयास कर रहे थे। हालात बेकाबू होने के बाद सेना को फायरिंग करनी पड़ी।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष दूत ने की इन हत्याओं की निंदा।
इधर इन सब के बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रानेर बर्गनर ने हिंसा की निंदा की। उन्होंने कहा कि म्यांमार में हत्या, प्रदर्शनकारियों के साथ बर्बरता और यातनाओं की खबरें लगातार मिल रही हैं। इसके खिलाफ सभी को एकजुट होने की जरूरत है। हम उन क्षेत्रीय नेताओं और सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ संपर्क में हैं, जो म्यांमार के हालात को सुधारने के प्रयास में लगे हुए हैं।
क्यों हो रहा है म्यांमार में प्रदर्शन ?
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना ने एक फरवरी की आधी रात तख्तापलट कर दिया था। वहां की लोकप्रिय नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से ही पूरे देश में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं।