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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, मुस्लिम लीग (JK) पर लगाया बैन, जानें कौन है जम्मू-कश्मीर का मसरत आलम?

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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए जम्मू-कश्मीर  में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) (एमएलजेके-एमए) को बुधवार को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया.

 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एमएलजेके-एमए पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.

 

शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं.”

 

जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह जिलानी की मौत के बाद 2021 में हुर्रियत के अलगाववादी दलों के गठबंधन ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) ने मसरत आलम को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था. फिलहाल यह जेल में बंद है और लगातार अपने भारत विरोधी बयान और पाकिस्तान समर्थित गतिविधियों के लिए चर्चा में रहता है. वह जम्मू कश्मीर मुस्लिम लीग संगठन व पिछले करीब एक दशक से चला रहा है और इसकी गतिविधियों पर सुरक्षा खुफिया एजेंसी की काफी समय से नजर थी.