फैक्ट चेक: कर्नाटक में महिला के साथ व्यक्ति द्वारा की गयी बर्बरता के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ किया गया वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति एक महिला को बेरहमी से सरे बाजार पीटता नज़र आरहा है। इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो कर्नाटका का है जहां एक हिन्दू समुदाय की ऊंची जाती का एक व्यक्ति दलित समुदाय की एक महिला को बेरहमी से पीट रहा है।
फेसबुक में वायरल वीडियो शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि ‘कर्नाटक महंतेश नाम का हिंदू दिनदहाड़े दलित महिला की पिटाई कर रहा है क्योंकि महिला ने BJP सदस्य विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी. कहने को कट्टर सनातनी भौंकते के हम महलराओं की पूजा करते पर ग्राउंड पर महिलाओं को जितना नीच स्नातनी समझते मैं हिंदू परिवार से हूं मुझ से ज्यादा कोई नहीं जानता‘
फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।
फैक्ट चेक:
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं साथ ही वीडियो वाली घटना किसी जातिगत विवाद को लेकर नहीं बल्कि सम्पत्ति विवाद को लेकर हुई थी।
फेसबुक पर वायरल वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो Mojo story नामक यूट्यूब चैनल पर मिला जिसे मई 16, 2022 को अपलोड किया गया था।
वीडियो के कैप्शन में जानकारी दी गयी है कि कर्नाटक के बागलकोट की वकील संगीता शिक्केरी को उनके पिता के भाई के एक सहयोगी ने सार्वजनिक रूप से पीटा। उसका आरोप है कि यह दूसरी बार है जब संपत्ति विवाद के कारण उस पर हमला करने का प्रयास किया गया। वायरल वीडियो में एक आदमी को उसे पीटते हुए देखा जा सकता है वह जवाबी हमला करने की कोशिश करती है लेकिन असफल रहती है। वीडियो में यह भी दिख रहा है कि उसकी मदद के लिए कोई नहीं आता।
पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें ETV भारत की वेबसाइट पर वायरल वीडियो से संबंधित एक लेख मिला जिसे मई 16, 2022 को ही छापा गया था। लेख के मुताबिक वायरल वीडियो वाला मामला कर्नाटक के बागलकोट का जहां एक व्यक्ति संपत्ति के विवाद को लेकर एक महिला वकील पीट रहा था।
पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से यह साफ हो गया कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं साथ ही वायरल वीडियो वाली घटना किसी जातिगत विवाद को लेकर नहीं हुई बल्कि संपत्ति विवाद को लेकर हुई।