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मोदी की बैठक पर भड़कीं ममता,कहा- बोलने की इजाजत न देना अपमानजनक; रविशंकर प्रसाद का जवाब- ‘राजनीति से ऊपर उठकर काम करने का समय है’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी पर नियंत्रण को लेकर 10 राज्यों के 54 जिले के कलेक्टरों के साथ वर्चुअल बैठक की। उनकी बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुईं, लेकिन उनके राज्य का कोई भी कलेक्टर शामिल नहीं हुआ। मोदी की बैठक के बाद ममता ने प्रेस कांफ्रेंस कर नाराजगी जाहिर की।

ममता बनर्जी ने कहा- बोलने की इजाजत न देना अपमानजनक।

मोदी की बैठक के बाद ममता ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बैठक में 10 राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे, लेकिन किसी को बोलने नहीं दिया गया। ये अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि मीटिंग में सभी मुख्यमंत्री शांत बैठे रहे, किसी ने भी कुछ नहीं कहा। हमें बंगाल के लिए 3 करोड़ वैक्सीन की मांग करनी थी, लेकिन बोलने ही नहीं दिया गया। केंद्र से हमें इस महीने 13 लाख ही वैक्सीन मिली हैं, जबकि 24 लाख की सप्लाई की जानी थी। उन्होंने कहा कि वे मीटिंग में बतौर CM मौजूद थीं, इसलिए कलेक्टरों को शामिल नहीं होने दिया गया। कुछ डीएम को बोलने दिया गया, जो उनके पसंद के थे। यह कैजुअल सुपर फ्लॉप मीटिंग थी।

रविशंकर प्रसाद का जवाब- ‘राजनीति से ऊपर उठकर काम करने का समय है’

अब उनके इस बयान पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, आज पीएम ने देश के कुछ डीएम से उनके जिले में हो रहे अच्छे कामो पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई। बंगाल की सीएम का आचरण अशोभनीय रहा। पूरी मीटिंग को डेरेल करना चाहती थी। आज ममता जी ने 24 परगना के सीएम को बोलने नहीं दिया कहा कि डीएम क्या जनते मैं जानती हूं। उन्होंने आगे कहा, 17 मार्च को जब मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई उसमें भी वो नहीं आयीं। पीएम के साथ 2014, 2015,2019 में दो बैठक में नहीं आयी। मैं ममता जी से एक प्रश्न पूछता हूं कि पीएम देश के डीएम जो अच्छा काम कर रहे उनसे क्यों बात नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा, आज जब देश कोरोना से लड़ रहा और पीएम लगातार हर वर्ग से संवाद कर रहे हैं वो डीएम से क्यों नहीं कर सकते। राजनीति से ऊपर उठकर काम करने का समय है। आज ममता जी ने जो आचरण किया है वो किसी तरह से लोकतांत्रिक व्यस्था में शोभा देता है क्या??

अब जानें इस बैठक की मुख्या बातें।

इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘पिछली महामारी हो या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है कि इससे डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर इनोवेशन जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि ये वायरस म्यूटेंट होने में, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और स्ट्रेटजी भी डायनेमिक होनी चाहिए। दूसरी लहर के बीच वायरस म्यूटेंट की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है। आपने जिस तरह से फील्ड पर काम किया है, इससे चिंता को गंभीर होने से रोकने मदद तो मिली है, लेकिन हमें आगे के लिए तैयार रहना होगा।

वैक्सीन वेस्टेज रोकने पर हो फोकस।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक विषय वैक्सीन वेस्टेज का भी है। एक भी वैक्सीन वेस्टे होने का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं मिल पाना। इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है। मोदी ने कहा कि फील्ड में किए गए आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक से ही प्रैक्टिकल और असरदार योजनाएं बनाने में मदद मिलती है।

इन राज्यों के कलेक्टर हुए शामिल।

प्रधानमंत्री ने झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, ओडिशा, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और पुडुचेरी के कई जिलों के कलेक्टरों से चर्चा की। इससे पहले PMO की तरफ से मीटिंग को लेकर राज्यों के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को पत्र लिखकर जानकारी दे दी गई थी। PM की बैठक से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस मामले में राज्यों से प्रजेंटेशन मांगा था।

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