दो बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ सोमवार और मंगलवार यानी आज और कल देशभर में बैंककर्मी हड़ताल पर है। ये हड़ताल दो सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण के विरोध सहित कई अन्य मांगों को लेकर भी है। बता दे इस हड़ताल में ग्रामीण बैंक भी शामिल होंगे।
10 लाख बैंककर्मियों के हड़ताल में होने का दावा।
दरअसल यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) बैनर के तले नौ यूनियन ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने इस हड़ताल में 10 लाख बैंककर्मियों के हड़ताल में शामिल होने का दावा किया है।
4 दिन ठप रहेंगी बैंक सेवा।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के 10 लाख कर्मचारी केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ पिछले महीने से ही लगातार अपना विरोध दर्ज करा रहे है और अब 15 एवं 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल का ऐलान किया गया है। गौरतलब है कि शनिवार और रविवार को भी बैंक बंद थे, इस तरह सरकारी बैंकों का कामकाज लगातार चार दिन तक ठप रहेगा।
दिल्ली: यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशभर में आज और कल हड़ताल बुलाई है। कनॉट प्लेस में विरोध प्रदर्शन करते बैंक कर्मचारी। #BankStrike #BankBand #Strike #Delhi pic.twitter.com/konuEbRKzM
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) March 15, 2021
गुजरात: सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के सरकार के फैसले के खिलाफ वडोदरा में बैंक कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन(UFBU) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशभर में आज और कल हड़ताल बुलाई है। pic.twitter.com/zAVjvPM83L
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2021
बिहार: पटना में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे एक बैंक कर्मचारी ने बताया, "बजट में सरकार ने दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है, निजीकरण देश के हित में नहीं है।" pic.twitter.com/rL81hQCuTZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2021
क्यों की जा रही है हड़ताल।
दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में IDBI Bank बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण यानी प्राइवेटाइजेशन का ऐलान किया था। अब वित्त मंत्री के इस फैसले का बैंक कर्मचारी यूनियनों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है जो अब हड़ताल का रूप ले चूका है।
चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का हुआ विलय ।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष (2021-22) के दौरान विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। बैंकों के निजीकरण के अलावा सरकार ने एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी को भी अगले वित्त वर्ष में निजीकरण करने का फैसला लिया है। वही सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक में अपनी ज्यादातर हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है। इतना ही नहीं पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है।
कौन – कौन है हड़ताल में शामिल।
हड़ताल में यूनाइटेड फ्रंट और बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) में ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन (एआईबीओसी) नेशनल कंफेडरेशन आफ बैंक इम्प्लॉइज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक इम्प्लॉइज कंफेडरेशन आफ इंडिया (बीईएफआई) शामिल हैं।
बैंकों ने ग्राहकों को चेताया – हो सकती है कामकाज में परेशानी।
इधर इस हड़ताल के पहले ही कुछ बैंकों ने पहले ही बता दिया है कि उनके यहां हड़ताल की वजह से कामकाज बाधित होंगे, यानी ग्राहकों को परेशानी होने वाली है। हालाकिं भारतीय स्टेट बैंक सहित कई बैंकों ने अपने ग्राहकों को इस हड़ताल के बारे में सचेत भी कर दिया था और बैंक मैनेजमेंट का कहना है कि वे इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि कामकाज को चलाया जा सके।
निजी बैंकों पर नहीं पड़गे असर।
इस हड़ताल के दौरान निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक और इंडसइंड बैंक जैसे अन्य निजी बैंकों के कामकाज पर कोई असर नहीं होगा।
हड़ताल के दौरान काम करेंगे एटीएम।
बैंकों के एटीएम हड़ताल के दौरान संचालित रहेंगे।