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बीजेपी की बैठक में साध्वी प्रज्ञा हुई भावुक, पुलिस हिरासत के दिन आए याद

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भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, जो मालेगांव बम ब्लास्ट मुकदमे की कानूनी जांच की प्रक्रिया से गुज़र रही हैं, गुरुवार को भाजपा की एक बैठक में पुलिस हिरासत में मिली प्रताड़ना को याद कर रोने लगीं.

ठाकुर (48) ने भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के खिलाफ अपनी जंग का आगाज़ किया, जिन पर उन्होंने ‘हिंदू’ और ‘भगवा आतंक’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

बैठक के दौरान उन्होंने भावुक अंदाज़ में धर्मयुद्ध लड़ने की बात कही.

बैठक में पुलिस हिरासत पर बोलते हुए उन्होंने कहा,’जब मुझे लेकर गए, गैरकानूनी तरीके से 13 दिन तक हिरासत में रखा. वहां मुझे मोटे बेल्ट से पीटा गया. उसे झेलना आसान नहीं था. पूरा शरीर सूज जाता था, सुन्न पड़ जाता था. दिन और रात पीटते थे. पीटते-पीटते गंदी गालियां देते थे.’

भावुक स्वर में उन्होंने आगे कहा,’मैं आपको अपनी पीड़ा नहीं बता रही हूं. लेकिन इतना कह रही हूं कि कोई महिला कभी इस पीड़ा का सामना न करे.’

उन्होंने पुलिस पर आरोप लगते हुए कहा कि पुलिस उनसे कहलवाना चाहती थी कि उन्होंने ही विस्फोट किया है और मुसलमानों को मारा है.

‘वे कहलवाना चाहते थे कि तुमने विस्फोट किया है और मुस्लिमों को मारा है. सुबह हो जाती थी पिटते-पिटते, पीटने वाले लोग बदल जाते थे, लेकिन पिटने वाली मैं सिर्फ अकेली थी.’

मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि दिग्विजय द्वारा ‘हिंदू’ ‘भगवा’ आतंक जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाना बिलकुल सही नहीं था.

“अब वह खुद को हिंदू कहने के लिए मजबूर है. उनकी स्थिति एक चोर की तरह हो गयी है, जिसे रंगे हाथों पकड़ा गया है.”

बैठक के दौरान उन्होंने भोपाल सीट की चुनावी जंग को ‘धर्मयुद्ध’ बताया.

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ठाकुर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने खरगोन में कहा कि ठाकुर राजनीति में धर्म नहीं लाना चाहिए.

साधो ने कहा कि राजनीति विकास की मांग करती है और धर्म को इसमें नहीं लाया जाना चाहिए.

प्रज्ञा ठाकुर को सितंबर 2008 में हुए मालेगांव धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद अप्रैल 2017 में उन्हें जमानत मिली थी. इस बम धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.

भोपाल लोक सभा सीट पर उनका मुकाबला दिग्विजय सिंह से है. 1989 से ही इस सीट पर भाजपा का कब्ज़ा रहा है.