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फैक्ट चेक: G-20 से पहले प्रशासन की अनुमति से निकाले गए पारंपरिक जुलूस के वीडियो को भ्रामक सांप्रदायिक एंगल के साथ किया गया वायरल

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फैक्ट चेक: G-20 से पहले प्रशासन की अनुमति से निकाले गए पारंपरिक जुलूस के वीडियो को भ्रामक सांप्रदायिक एंगल के साथ किया गया वायरल

 

देश की राजधानी नई दिल्ली में 9 सितंबर से G-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत होने जा रही है। इस सम्मेलन में दुनिया के 40 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसी बीच नई दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायवर्सन भी किया गया है। इसी के मद्देनजर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जहां समुदाय विशेष के लोगों की एक भीड़ दिखाई दे रही है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि धर्म विशेष के लोगों द्वारा G-20 के ठीक पहले दिल्ली की सड़कों को जाम कर जिहादी नारा लगाया जा रहा है।

फेसबुक का वायरल पोस्ट कुछ इस प्रकार है जिस बात का डर था वही हो रहा है। Just a day before G20 Summit, majahabi slogans
has been raised on the streets of Delhi. 

हिंदी अनुवाद- ‘G20 समिट से ठीक एक दिन पहले मजहबी नारे दिल्ली की सड़कों पर खड़ा हो गया है

 

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें देखें।

फैक्ट चेक: 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो को भ्रामक सांप्रदायिक एंगल के साथ शेयर किया जा रहा है।

वायरल हो रहे वीडियो सच जानने के लिए हमने इसके एक कीफ्रेम को रिवर्स सर्च की मदद से खोजा। इस दौरान हमें पत्रकार तंजीम हैदर द्वारा वीडियो पर रिप्लाई करते हुए दिल्ली पुलिस का ट्वीट पोस्ट किया है। इस ट्वीट में दिल्ली पुलिस ने वायरल दावे को गलत बताया है।

इसके बाद हमने दिल्ली पुलिस के ट्वीटर हैंडल को खंगाला। पुलिस ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है, ” कुछ सोशल मीडिया हैंडल जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले चेहल्लुम जुलूस के वीडियो को सांप्रदायिक विरोध के रूप में गलत तरीके से शेयर कर रहे हैं। यह जुलूस पारंपरिक है और एजेंसियों से उचित अनुमति के साथ निकाला जाता है। कृपया अफवाह न फैलाएं”.

इसके बाद पड़ताल करने पर हमें दिल्ली पुलिस का एक और पोस्ट मिला। इस पोस्ट में पुलिस ने चेहल्लुम के दौरान ट्रैफिक गाइड की जानकारी दी है। यहां दी गई जानकारी के अनुसार, यह जुलूस 7 सितंबर को होना था क्योंकि चेहल्लुम मोहर्रम के चालीसवें दिन पर मनाया जाता है। लेकिन शिखर सम्मेलन के चलते इसे 6 सितंबर को कर दिया गया था। इसका किसी विशेष घटना या विरोध से कोई लेना देना नही था”.

इस प्रकार हमारी पड़ताल से यह साफ हो जाता है कि दिल्ली में नियमानुसार निकले चेहल्लुम के जुलूस को जी -20 सम्मेलन से जोड़कर गलत सांप्रदायिक दावा वायरल किया जा रहा है।