फैक्ट चेक: बांग्लादेश के मस्जिद में आए दान के पैसों के वीडियो को सोशल मीडिया पर भारत का बताकर किया गया वायरल, पढें पूरा सच
एक बोरी में पैसा भरते कुछ लोगों का एक वीडियो फेसबुक पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि एक मस्जिद में लोग पैसे भर रहे हैं। कम्युनल एंगल के साथ इस वीडियो के साथ दावा किया गया है कि मदरसों का पैसा टैक्स फ्री होता है जबकि मंदिरों को टैक्स देना पड़ता है।
वायरल वीडियो को फेसबुक पर शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि, ‘देखिये, मस्जिदों मे कितना पैसा आता है, इस पैसे पर टैक्स नही है, सिर्फ मंदिर के पैसों पे टैक्स लगता है, मंदिरों के पैसों से मौलवीयों को वेतन और पेंशन देती है सरकार मस्जिद मे दिया हुआ दान हिंदूओं के विरुद्ध जेहाद में प्रयोग होता है* *हिंदू आँख बंद किये जाति वाद मे जी रहा है।’
फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें
फैक्ट चेक:
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो भारत का नहीं बल्कि बांग्लादेश का है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो की जांच करने के लिए हमने वीडियो को ध्यान से देखा। बारीकी से देखने पर हमें बोरी पर कुछ लिखा नजर आया। यह हिंदी या इंग्लिश भाषा में नहीं बल्कि बंगाली भाषा में लिखे शब्द लग रहे थे।
इसके साथ ही हमने वीडियो में दिख रही करेंसी पर ध्यान दिया देखने पर हमें यह भारतीय मुद्रा न होने का शक हुआ, जिसके बाद हमने गूगल पर बारीकी से खोजना शुरू किया।
इसके बाद खोज के दौरान हमें ForeignCurrencyAndCoin नामक वेबसाइट पर मिली जानकारी से हमने जाना कि वायरल वीडियो में दिख रही मुद्रा बांग्लादेश की है।
तुलना
इसके बाद इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हमने कुछ कीवर्ड्स को गूगल किया। इस दौरान हमें जमुना टीवी के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 2022 में अपलोड हुआ एक वीडियो मिला ,इस वीडियो में वायरल हुई क्लिप का अंश देख सकते हैं।
प्राप्त यूट्यूब वीडियो के कैप्शन में इसे ‘Kishoreganj Pagla Mosque का बताया गया। इसके बाद हमने ‘Kishoreganj Pagla Mosque’ को गूगल पर सर्च किया। जिस पर हमें पता चला कि यह जगह भारत में नहीं बल्कि बांग्लादेश में है।
इसके बाद हमने यह जानने के लिए खोजा कि क्या भारत में मंदिरों और मस्जिदों में चढ़ाए जाने वाले दान के पैसों में टैक्स लगता है या नहीं? खोज के दौरान हमें भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा किए गए कई ट्वीट मिले। जहां ट्वीट में वायरल दावे पर सफाई देते हुए बताया गया है कि GST कानून में धर्म के आधार वाला कोई प्रावधान नहीं है। भारत में सभी धार्मिक संस्थाओं पर टैक्स के नियम बराबरी से लागू होते हैं।
There are some messages going around in social media stating that temple trusts have to pay the GST while the churches & mosques are exempt.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 3, 2017
This is completely untrue because no distinction is made in the GST Law on any provision based on religion.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 3, 2017
इस तरह हमारी खोज में यह साबित हो जाता है कि हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर भारत का बताकर वायरल हो रहा यह वीडियो करीब 1 साल पुराना है। इसके अलावा यह वीडियो भारत का नहीं जबकि बांग्लादेश का है। अब इस वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।