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फैक्ट चेक: साल 2021 का है अमेरिका में इसरायली दूत द्वारा ‘UN मानवाधिकार’ की रिपोर्ट फाड़े जाने वाला यह वीडियो, भ्रामक दावे के साथ हुआ वायरल

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फैक्ट चेक: साल 2021 का है अमेरिका में इसरायली दूत द्वारा ‘UN मानवाधिकार’ की रिपोर्ट फाड़े जाने वाला यह वीडियो, भ्रामक दावे के साथ हुआ वायरल

इजराइल-हमास में जंग को करीब एक हफ्ते से ज्यादा का समय हो गया है। इजराइल लगातार गाज़ा पट्टी पर मिसाइली हमले कर रहा है। आज सुबह भी इजराइल ने गाज़ा पट्टी के एक अस्पताल पर हमला किया जहां करीब 500 लोगों की मौत हो गयी। इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी वायरल हो रहा है।

वीडियो में एक सूट-वूट पहने व्यक्ति को पोडियम पर खड़े होकर एक कागज को दो टुकड़ों में फाड़ते हुए देखा जा सकता है। इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यूएन मानवाधिकार परिषद ने इजराइल को उनके मानवाधिकार के उल्लंघन करने वाली एक वार्षिक रिपोर्ट दी, जिसे इजराइल के प्रतिनिधि ने 27 सेकंड में फाड़ दिया।

फेसबुक पर वायरल वीडियो को शेयर कर हिंदी भाषा का कैप्शन में लिखा गया “UN में इज़राइल को बुलाया गया कि उसने मानवाधिकार का उल्लंघन की रिपोर्ट दी गई। इज़राइल के प्रतिनिधि सिर्फ 27 सेकेंड के लिए स्टेज पर आए और मानवाधिकार उलंघन की रिपोर्ट फाड़ी और और चले गए । (और 32 बना के UNO की पिछली पॉकेट में घुसेड़ दी)”

 

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें 

 

फैक्ट चेक: 

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2021 के दौरान का है। 

फेसबुक पर वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में बदला और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो अरबी भाषा के यूट्यूब चैनल पर मिला जिसे अक्टूबर 30, 2021 को अपलोड किया गया था।  वीडियो के साथ दिए गए सभी कैप्शन अरबी भाषा में ही थे। इस लिए कैप्शन को  समझने के लिए हमने गूगल ट्रांसलेटर की सहायता ली।

गूगल ट्रांसलेटर की सहायता से मिले परिणाम से पता चला कि वीडियो में यूएन में इसरायली प्रतिनिधि मानवाधिकार की वार्षिक रिपोर्ट को फाड़ रहे हैं।

मामले की अधिक जानकारी के लिए अब हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमने कुछ संबंधित कीवर्ड्स की सहायता ली। जिसके बाद हमें MEMO Middel East Monitor नामक वेबसाइट पर अक्टूबर 30, 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में वायरल वीडियो से संबंधित जानकारी मिली।

 

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 के दौरान संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में इजरायली दूत गिलाद एर्दान ने अक्टूबर 29, 2021 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की वार्षिक रिपोर्ट को फाड़ दिया और दावा किया कि यह इजरायल के खिलाफ पक्षपातपूर्ण है।

कुछ संबंधित कीवर्ड्स से खोजने पर हमें यूएन में इसरायली दूत Gilad Erdan द्वारा प्लेटफॉर्म एक्स पर अपलोड किया गया एक पोस्ट मिला। जिसे उन्होंने अक्टूबर 29, 2021 में अपलोड किया था। उनके द्वारा कैप्शन में दी गयी जानकारी के मुताबिक Gilad ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की वार्षिक रिपोर्ट को फाड़ दिया।

पोस्ट के थ्रेड में उन्होंने आगे बताया कि यूएनएचआरसी द्वारा साल 2021 में जारी की गयी रिपोर्ट गलत है और एकतरफ़ा व पक्षपातपूर्ण हैं।  उन्होंने लिखा कि इस वर्ष, मानवाधिकार परिषद ने एक बार फिर हम सभी को निराश किया है… इसने दुनिया भर में उन लोगों को निराश किया है जो हर दिन, हर घंटे, हर मिनट मानवाधिकारों का उल्लंघन सहते हैं – लेकिन उनकी आवाज़ नहीं सुनी जाती है। उन्होंने लिखा कि दुख की बात है कि उत्पीड़ितों की आवाज नहीं सुनी जा सकती क्योंकि मानवाधिकार परिषद अपना समय, अपना बजट और अपने संसाधन बर्बाद करने पर अड़ी हुई है, जिसका लक्ष्य एक मेरे देश को बदनाम करना है। जहां पूर्ण रूप से लोकतंत्र का राज है, जहां स्वतंत्रता है, प्रेस भी स्वतंत्र है और किसी भी धर्म को पूजने की स्वतंत्रता भी है।

उल्लेखनीय है कि यूएनएचआरसी द्वारा साल 2021 में जारी की गयी रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा पर इजरायली कब्जे के हमले के बाद स्थापित एक जांच समिति के निष्कर्ष प्रस्तुत किए गए थे। जिसमें 67 बच्चों, 40 महिलाओं और 16 बुजुर्गों सहित 260 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई थी। हमले में वरिष्ठ डॉक्टर अयमान अबू अल-उफ़ और उनके परिवार सहित कई पूरे परिवार मारे गए। रिपोर्ट में क्रूर हमलों के लिए इज़राइल की निंदा और आलोचना की गई।

 

बता दें कि बीते 07 अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए घातक हमलों के बाद दोनों के बीच इस तरह खुलेआम जंग छिड़ी। पिछले 12 दिनों से दोनों के बीच जारी जंग में अबतक कुल 4300 लोगों की मौत हो चुकी हैं।

पड़ताल के दौरान हमें गूगल पर मिले तथ्यों से पता चला कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2021 के दौरान का है। इसका हालिया दिनों से कोई संबंध नहीं है।