सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि देश के पहले पांच शिक्षा मंत्री एक ही समुदाय से थे। पोस्ट में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि कांग्रेस की इस गलती की वजह से भारत इतिहास की विकृत प्रस्तुति के अधीन है।
फेसबुक में इस पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा है – “पप्पू बतायें कि देश के पहले पांच शिक्षा मंत्री केवल एक ही समुदाय से क्यों बनाये गए? भारत का विकृत इतिहास पढाये जाने और भगवान राम का अस्तित्व नकारने के लिए क्या कांग्रेस माफी मांगेगी? ”
अंग्रेजी में ट्रांसलेशन – (Translation: Pappu tell us why the first five education ministers of the country were made of only one community? Will Congress apologize for distorting the history of India and denying the existence of Lord Ram?)
इस पोस्ट का लिंक आप यहाँ देख सकते है।
सुशील कुमार मोदी, बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने भी ट्विटर पर इसी पोस्ट को साझा किया।
फैक्ट चेक :
न्यूज़ मोबाइल ने इस पोस्ट की जांच की और पाया की ये फेक है।
दावे की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए, हमने शिक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट की जाँच की।
वेबसाइट के अनुसार, पहले पांच शिक्षा मंत्री निम्नलिखित थे –
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: 1947 से 1958
डॉ केएल श्रीमाली: 1958 से 1962
डॉ केएल श्रीमाली: 1962 से 1963
हुमायूँ कबीर: सितंबर 1963 से नवंबर 1963
एमसी छागला: 1963 से 1966
फखरुद्दीन अली अहमद: नवंबर 1966 से मार्च 1967
उपरोक्त जानकारी से, यह स्पष्ट है कि भारत के पहले 5 शिक्षा मंत्री एक ही समुदाय से नहीं हैं।
इसलिए, हम कह सकते हैं कि सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट फेक है।
यदि आप किसी भी स्टोरी को फैक्ट चेक करना चाहते हैं, तो इसे +91 11 7127 9799 पर व्हाट्सएप करें