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फैक्ट चेक: उत्तर प्रदेश की पुरानी घटना के वीडियो को हालिया दिनों में किया जा रहा है वायरल, जानें पूरा सच

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फैक्ट चेक: उत्तर प्रदेश की पुरानी घटना के वीडियो को हालिया दिनों में किया जा रहा है वायरल, जानें पूरा सच

 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग स्ट्रेचर पर एक युवक को अस्पताल में ले जाते हुए नज़र आ रहे हैं। इस दौरान स्ट्रेचर पर लेटे युवक को तड़पते हुए भी देखा जा सकता है। वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा कि उत्तर प्रदेश में 5 पुलिस अधिकारियों ने गोहत्या के मामले में संदिग्ध होने शक में एक मुस्लिम व्यक्ति को प्रताड़ित किया और उसके प्राइवेट पार्ट में छड़ी डाल दी और बिजली के झटके भी लगाए।

फेसबुक पर वायरल वीडियो शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि “लोकेशन:उत्तरप्रदेश पुलिस के 5 अधिकारियों ने गोहत्या से जुड़े होने के संदेह में एक मुस्लिम व्यक्ति को प्रताड़ित करते हुए उसके मलाशय(पखाने के रास्ते) में छड़ी डाली और उसे बिजली के झटके दिए।”

फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।

फैक्ट चेक:

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि 2 साल पुराना है।

 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें गूगल पर कोई उचित परिणाम नहीं मिला। इसलिए हमने गूगल पर एक बार फिर कीफ्रेम के साथ-साथ कुछ कीवर्ड्स की भी मदद ली।

इस दौरान हमें वायरल वीडियो kanwardeep singh नामक ट्विटर प्रोफाइल द्वारा जून 05, 2022 को किए गए एक पोस्ट में मिला। जहां इसे वायरल पोस्ट वाले कैप्शन के साथ ही शेयर किया गया है। बता दें कि प्राप्त पोस्ट के कमेंट सेक्शन में उत्तर प्रदेश की बदायू पुलिस द्वारा एक रिप्लाई किया गया था। जहां जानकारी दी गयी है कि इस मामले में संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर आवश्यक कार्यवाही की गई है।

 

उपरोक्त प्राप्त पोस्ट से हमने जाना कि वायरल वीडियो  हालिया दिनों की घटना का नहीं बल्कि साल 2022 के दौरान का है। पुष्टि के लिए हमने गूगल पर एक बार और खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो की जानकारी time of india न्यूज़ की वेबसाइट पर जून 05, 2022 को प्रकाशित एक लेख से मिली।

प्राप्त लेख में दी गयी जानकारी के मुताबिक मई 02, 2022 को सब्जी बेचने वाले 22 साल एक युवक को पुलिस ने गोहत्या से जुड़े एक मामले में संदिग्ध होने के चलते हिरासत में लिया था। हिरासत में लेने के बाद उसके साथ बर्बरता की गयी । इसके बाद पुलिसकर्मियों को लगा कि उन्होंने गलत व्यक्ति को उठा लिया है तो उन्होंने उसे 100 रुपए देकर दो दिनों के बाद घर भेज दिया। बाद में जब उसकी हालत गंभीर हो गई। इस दौरान पीड़ित की माता ने सत्यपाल नाम के सब इन्स्पेक्टर के खिलाफ आरोप लगाया की सब इन्स्पेक्टर ने उनके बेटे को हिरासत के दौरान बिजली के झटके देने और उसके गुप्तांग में छड़ी डाली थी।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि बदायूं एसएसपी ने इस मामले में दातागंज के सीओ को जांच करने का आदेश दिया था। जांच के बाद इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया था। दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 342, 323 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।

पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल वीडियो वाला मामला हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2022 के दौरान का है। वायरल वीडियो का हालिया दिनों से कोई संपर्क नहीं है।