कई आरोपों से घिरे मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की मुश्किलों में कोई कमी नहीं आ रही है। ऐसा इसीलिए भी क्युकी सुप्रीम कोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। परमबीर सिंह की उस याचिका को सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है, जिसमें आईपीएस अधिकारी सिंह ने अपने खिलाफ जांच के सभी मामलों को महाराष्ट्र के बाहर किसी स्वतंत्र एजेंसी को हस्तांतरित करने की मांग की है। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह को फटकार भी लगाई है।
"You Are Part Of Maharashtra Cadre For More Than 30Yrs, You Don't Have Confidence In Your Own Force?" Supreme Court To Parambir Singh -Courtroom Exchange @MumbaiPolice,@AnilDeshmukhNCP,@CMOMaharashtra,@jain_mehal https://t.co/fAPgCYI23N
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क्या कहा सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप 30 साल से पुलिस फोर्स में हैं। अब आप यह नहीं कह सकते कि आप राज्य के बाहर अपनी जांच चाहते हैं। आपको अपनी ही पुलिस फोर्स पर संदेह नहीं हो सकता है। आप महाराष्ट्र कैडर का हिस्सा हैं और अब आपको अपने राज्य के कामकाज पर भरोसा नहीं है? यह एक हैरान करने वाला आरोप है।
"You are the part of a Maharashtra cadre. You served the State for 30 years. And now you don't trust the functioning of your own State ? This is a shocking allegation!", Justice Hemant Gupta observed.
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इतना ही नहीं बल्कि इसके साथ ही अदालत ने कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते। इधर अब परमबीर सिंह ने दायर की गई याचिका वापस ले ली है।
SC ने मुंबई हाई कोर्ट जानें की दी सलाह।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए आगे कहा कि आप इस मामले की मेरिट पर बहस करिए और अगर तत्काल सुनवाई चाहते हैं तो मुंबई हाईकोर्ट जाइए और इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह याचिका खारिज कर रहे हैं। इधर परमबीर सिंह के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि वह इस मामले में मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
गौरतलब है कि परमबीर सिंह को मशहूर कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक सामग्री मिलने और पुलिस अधिकारी सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। उन्होंने अपनी याचिका में होमगार्ड डीजी के पद पर ट्रांसफर किए जाने को भी चुनौती दी है।