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जानें क्या है हाइपरलूप सर्विस?, जिससे घंटों की दूरी मिनटों में हो सकेगी पूरी, भारत के इस शहर से होगी इसकी शुरुआत

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जानें क्या है हाइपरलूप सर्विस?, जिससे घंटों की दूरी मिनटों में हो सकेगी पूरी, भारत के इस शहर से होगी इसकी शुरुआत

भागदौड़ की इस दुनिया में लोगों के पास सबसे ज्यादा कमी समय की हो रही। ऐसे में इंसान अपने समय को बचाने का हर संभव प्रयास कर रहा है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि हर क्षेत्र में समय बचने के लिए नए नए अविष्कारों की खोज कर रहा है। इसी क्रम में अब इंसान ने परिवान के क्षेत्र में ट्रैन, बस और हवाईजहाज के अलावा भी एक नए ताकीरा खोज निकाला है। जिसे हाइपरलूप सर्विस के नाम से जाना जाता।

क्या है हाइपरलूप सर्विस ट्रेन 

हाइपरलूप एक हाई-स्पीड ट्रेन की तरह है, जो ट्यूब में चलती है। यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से दुनिया में कहीं भी लोगों को या वस्तुओं को तेज गति से सुरक्षित पहुंचाया जा सकेगा। इससे पर्यावरण पर भी कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता। यह ट्रेन हवाई जहाज़ से भी तेज गति से चलती है। हाइपरलूप में एक ‘ट्यूब मॉड्यूलर ट्रांसपोर्ट सिस्टम’ का इस्तेमाल किया जाता है। यह सिस्टम एक यात्री या कार्गो को एयरलाइन की गति से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाता है। इसकी गति 760 मील प्रति घंटा तक हो सकती है।

महाराष्ट्र में होगी पहली हाइपरलूप सर्विस की शुरुआत 

हाइपरलूप की शुरुआत के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा वर्जिन हाइपरलूप वन कंपनी को मुंबई से पुणे के बीच लिंक शुरु करने की मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट के प्लानिंग के हिसाब से हाइपरलूप ट्रासपोर्ट की रफ्तार 490 किमी प्रति घंटा होगी। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए 70 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। प्लान के मुताबिक मुंबई से पुणे के वाकड स्टेशन तक कुल 117 किमी बनाई जाएगी इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में सात साल लगेंगे। लेकिन फायदा यह होगा कि फायदा यह होगा कि अभी मुंबई से पुणे के बीच की दूरी तीन से चार घंटे में पूरी होती है. हाइपरलूप में आप महज 23 मिनट में मुंबई से पुणे या पुणे से मुंबई पहुंच जायेंगे।

कैसे काम करती है हाइपरलूप सर्विस 

जानकारी के मुताबिक इस साधन में यात्री को बैठाया जाता है, जो कम दवाब वाले ट्यूब में इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन का इस्तेमाल करते हुए तेजी से चलता है। हाइपरलूप वाहन लिनियर इलेक्ट्रिक मोटर से गति हासिल करता है, जो एक पारंपरिक रोटरी मोटर का सुलझा हुआ संस्करण है। पारंपरिक इलेक्ट्रिक मोटर के दो प्रमुख हिस्से होते हैं – एक स्टेटर (यह हिस्सा स्थिर होता है) और एक रोटर (यह हिस्सा घूमता है) जब स्टेटर में बिजली आपूर्ति की जाती है, तो यह रोटर को घुमाता है, जिससे मोटर चलने लगती है।

लिनियर इलेक्ट्रिक मोटर में यही दोनों प्रमुख हिस्से होते हैं। इसमें रोटर घूमता नहीं है, सीधे आगे की तरफ बढ़ता है, जो स्टेटर की लंबाई के बराबर चलता है। वर्जिन के हाइपरलूप वन सिस्टम में स्टेटर्स को ट्यूब में लगा दिया जाता है और रोटर को पॉड पर। पॉड ट्यूब के अंदर गति कम करने के लिए स्टेटर से रोटर को दूर करता है।