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जानिए क्यों ‘गुलाबी शहर’ जयपुर को यूनेस्को ने दिया विश्व धरोहर का दर्जा !

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यूनेस्को ने शनिवार को घोषणा की कि ’पिंक सिटी’ जयपुर को विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है.

यूनेस्को ने शनिवार दोपहर अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस चीज़ की जानकारी दी, ”भारत के राजस्थान में जयपुर शहर को यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल के तौर पर चिन्हित किया गया है.”

पीएम मोदी ने भी इस मौके पर ट्वीट कर बधाई दी, ”जयपुर संस्कृति और शौर्य के साथ जुड़ा शहर है। मनोहर और ऊर्जावान, जयपुर का आतिथ्य दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करता है। खुशी है कि यूनेस्को ने इस शहर को विश्व धरोहर स्थल के तौर पर चिन्हित किया है.”

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर शहर को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा,”‘यह बहुत गर्व की बात है कि गुलाबी नगरी जयपुर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है. इससे राजस्थान की राजधानी का गौरव और बढ़ेगा.”

यूनेस्को ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक बयान भी जारी किया जिसमें बताया गया है कि गुलाबी शहर को विश्व विरासत सूची में क्यों जोड़ा गया.

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“भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्य राजस्थान में जयपुर शहर, 1727 में सवाई जय सिंह II द्वारा स्थापित किया गया था. राजस्थान के पहाड़ी इलाकों में स्थित अन्य क्षेत्रों के विपरीत, जयपुर को मैदान पर स्थापित किया गया था और इसे वैदिक वास्तुकला को ध्यान में रखते हुए व्याख्यायित ग्रिड योजना के अनुसार बनाया गया था.

“मुख्य सड़कों के किनारे बने बाजार, स्टॉल, निवास और मंदिर एक समान हैं. शहर की शहरी योजना प्राचीन हिंदू और आधुनिक मुगल और पश्चिमी संस्कृतियों के मेल-जोल को दर्शाती है.

ग्रिड योजना एक मॉडल है जो पश्चिम में प्रबल है, जबकि विभिन्न जिलों की बनावट  पारंपरिक हिंदू अवधारणाओं को संदर्भित करता है. यूनेस्को द्वारा जारी  बयान में कहा गया है कि शहर को व्यावसायिक राजधानी बनाने के लिए बनाया गया था, लेकिन इस दिन तक भी यह शहर स्थानीय वाणिज्यिक, कारीगर और सहकारी परम्पराओं को संजोएं हुए है.

ऐतिहासिक शहर राजस्थान की राजधानी है और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. हवा महल, अंबर पैलेस, जंतर मंतर अन्य शहर के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शामिल हैं.