भारत और चीन में सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। देश की सीमाओं को सुरक्षित करने की दिशा में यह एक काफी अहम है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बीआरओ द्वारा निर्मित इन 44 पुलों में से 10 जम्मू-कश्मीर, सात लद्दाख, दो हिमाचल प्रदेश, चार पंजाब, आठ उत्तराखंड, आठ अरुणाचल प्रदेश और चार सिक्किम में है।
Extremely happy to dedicate 44 major permanent bridges to the Nation today. The Foundation Stone for Nechiphu Tunnel was also laid on this occasion in Arunachal Pradesh.
These border infrastructure projects are of strategic importance and provide connectivity to remote areas. pic.twitter.com/aaonpDFhUw
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2020
इधर रक्षामंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग के लिए नेचिपु सुरंग की भी आधारशिला रखी। बता दे देश की सीमा से लगे सात अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बने 44 नवनिर्मित पुलों में 286 करोड़ की लागत भी लगी है।
Dedicating to the nation 44 bridges constructed by Border Roads Organisation via video conferencing. Do watch! https://t.co/apQzyOU6YH
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2020
देखें इन पुल की खूबसूरती।
Defence Minister @rajnathsingh dedicated 44 major permanent bridges to the nation today. He also laid the foundation stone for Nechiphu Tunnel in Arunachal Pradesh. These bridges are of strategic importance and provide connectivity to remote areas: BRO @adgpi @DefenceMinIndia pic.twitter.com/JUWOcSrXjW
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) October 12, 2020
क्या कहा रक्षामंत्री ने।
उद्घाटन के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि एक साथ इतनी संख्या में पुलों का उद्घाटन और टनल का शिलान्यास, अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित ये पुल कनेक्टिविटी और विकास के एक नये युग की शुरूआत करेंगे । पहले पाकिस्तान और अब चीन के द्वारा भी, मानो एक मिशन के तहत सीमा पर विवाद पैदा किया जा रहा है। इन देशों के साथ हमारी लगभग 7 हज़ार किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां किसी ने किसी सेक्टर में आए दिन तनाव बना रहता है।
The inauguration of 44 bridges today will improve connectivity in the far flung areas of Western, Northern and North East sectors and fulfill the aspirations of local people.
They would also meet the transport and logistics requirements of the armed forces throughout the year.— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2020
Despite facing the challenges posed by the Pandemic and the situation at the borders India has been resolute in its response. The nation has also been successful in completing its infrastructure projects under the inspiring leadership of our Prime Minister Shri @narendramodi.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2020
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BRO की भी जमकर हुई तारीफ।
रक्षामंत्री ने ये भी कहा कि ‘लॉकडाउन अवधि के दौरान भी बीआरओ ने पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अभियानों को जारी रखा। बीआरओ ने यह सुनिश्चित करते हुए अपना काम जारी रखा कि दूरदराज़ के इलाकों में बर्फ हटाने में देर नहीं हो।’
These 44 bridges are spread over seven states and union territories. I congratulate DG Border Roads Organisation and his team for doing exemplary work in challenging times. Inauguration of 44 bridges in one go in itself is a significant achievement.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2020
इस अवसर पर, मैं संबंधित राज्यों/UT के लोगों, वहाँ के जनप्रतिनिधियों का उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं। मुझे विशवास है कि आधुनिक उच्च क्षमता वाली सड़कों और पुलों के निर्माण से इन स्थानों पर और समृद्धि आएगी: रक्षा मंत्री
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) October 12, 2020
देश हर दिन BRO की कई उपलब्धियों के बारे में सुन रहा है। यह BRO के कर्मियों के dedication, commitment और DGBR के दूरदर्शी एवं कुशल नेतृत्व द्वारा संभव हो सका है: रक्षा मंत्री
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) October 12, 2020
सीमावर्ती इलाकों में सड़कों, सुरंगों और पुलों का लगातार निर्माण, आप लोगों की प्रतिबद्धता, और सरकार के remote areas में पहुँचने के प्रयास को दर्शाता है। ये सड़कें न केवल सामरिक जरूरतों के लिए होती हैं, बल्कि राष्ट्र के विकास में सभी की बराबर भागीदारी सुनिश्चित करती है: RM
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) October 12, 2020
लॉकडाउन की अवधि के दौरान भी, BRO ने उत्तर पूर्वी राज्यों, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में निरंतर कार्य किया है। दूरदराज़ के स्थानों पर snow clearance में देरी न हो, यह सुनिश्चित करते हुए BRO ने अपना काम सदैव जारी रखा: रक्षा मंत्री
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) October 12, 2020
इन पुलों में कई छोटे, तो कई बड़े पुल हैं, पर उनकी महत्ता का अंदाजा उनके आकार से नहीं लगाया जा सकता है। शिक्षा हो या स्वास्थ्य, व्यापार हो या खाद्य आपूर्ति, सेना की सामरिक आवश्यकता हो या अन्य विकास के काम, इन्हें पूरा करने में ऐसे पुलों और सड़कों की समान, और अहम भूमिका होती है: RM
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) October 12, 2020
आपको ये भी बता दे कि इस सभी पुलों का निर्माण देश की नामी कंपनी गर्ग एंड गर्ग ने सीमा सड़क संगठन के मार्गदर्शन में किया है। इस परियोजना को बीआरओ की 70 सड़क निर्माण कंपनी ने पूरा किया है। गर्ग एंड गर्ग कंपनी के मैनेजर प्यारे लाल शर्मा के मुताबिक चंद्रा नदी पर पुल बनाने में उन्हें खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा। सीमा सड़क संगठन दीपक परियोजना के चीफ इंजीनियर एमएस बाघी ने बताया कि इन पुलों के निर्माण से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली लेह मार्ग का सफर और अधिक सुगम हो गया है।