दिवाली के अगले दिन देश आज गोवर्धन पूजा कर रहा है। जो इस साल 15 नवंबर को मनाई जा रही है। बता दे इसे देश के कुछ हिस्सों में अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन 56 या 108 तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है। ख़ास बात ये है कि इन पकवानों को ‘अन्नकूट’ कहते हैं।
कब मनाई जाती है गोवर्धन पूजा।
गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। अन्नकूट को दिवाली के ठीक अगले दिन मनाते हैं। इस साल दिवाली 14 नवंबर को मनाई गई, ऐसे में गोवर्धन पूजा आज यानी 15 नवंबर को है।
केवल 02 घंटे 09 मिनट है गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त-
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 15 नवंबर 2020 को सुबह 10 बजकर 36 मिनट से
प्रतिपदा तिथि समाप्त- 16 नवंबर 2020 को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक
गोवर्द्धन पूजा सांयकाल मुहूर्त- 15 नवंबर 2020 को दोपहर 03 बजकर 19 मिनट से शाम 05 बजकर 27 मिनट तक
कुल अवधि- 02 घंटे 09 मिनट
क्या है इस पुजा के पीछे की पौराणिक कथा।
दरअसल इस पूजा के पीछे की मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्ण ने इन्द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। तभी इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं और गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पूजते हैं।