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गैंगस्टर विकास दुबे का कच्चा चिट्ठा- कानपूर एनकाउंटर काण्ड से लेकर महाकाल की नगरी में पकड़ने जाने तक!

Photo By MP Police
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उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे ने उत्तरप्रदेश पुलिस के 8 पुलिसकर्मियों को उस वक़्त मार दिया जब पुलिसकर्मी उसे दबोचने के लिए उसी के घर बिकरू गए थे। 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से विकास दुबे फरार चल रहा था जिसे आज उज्जैन के महाकाल से गिरफ्तार कर लिया गया है।

कैसे हुआ गिरफ्तार?
पुलिस ने अभी तक इसपर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है मगर ख़बरों के मुताबिक विकास दुबे ने महाकाल मंदिर में फैसिलिटी सेंटर पर अपना बैग रखने के बाद यहां उसने शीघ्र दर्शन के लिए 250 रुपए की रसीद कटवाई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मंदिर में एक सिक्युरिटी गार्ड को शंका होने पर उसे पुलिस चौकी लेकर आए थे। यहां पूछताछ शुरू होते ही उसने कहा- हां मैं विकास दुबे हूं। वही खबरे ये भी है की उसने खुद सर्रेंडर कर दिया। इसी के साथ मीडिया में ये भी कयास है की वो खुद सर्रेंडर करने ही वाला था मगर पुलिस ने उससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया।

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क्या कहा विकास दुबे की माँ ने ?
जब विकास की माँ सरला दुबे से पूछा गया की विकास पर क्या कार्रवाई की जाए की तो उनकी माँ ने जवाब दिया, “वो(विकास दुबे) उज्जैन के महाकाल मंदिर में हर साल जाता था। सरकार जो उचित समझे वो करे, मेरे कहने से कुछ नहीं होगा”

क्या कहा उत्तरप्रदेश के ADG(कानून-व्यवस्था), प्रशांत कुमार ने ?
विकास दुबे को लाने के लिए यहां से विवेचक जाएंगे। जो नियम अनुसार कार्रवाई होगी वो की जाएगी। कानपुर मुठभेड़ के जो भी आरोपी फरार चल रहे हैं उनको पकड़ा जाएगा। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक सभी अभियुक्तों को सज़ा न दिला दें।

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आईये अब जानते है एनकाउंटर से लेकर पकडे जाने तक का विकास दुबे का सफर!

एनकाउंटर का दिन
दो जुलाई गुरुवार की रात को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस की टीम विकास के घर दबिश देने गई थी। जहां विकास ने आठ पुलिस कर्मियों को घेर कर मार दिया। जिसके बाद से यूपी पुलिस को इसकी तलाश थी। इसकी तलाश में यूपी पुलिस के साथ -साथ राज्य से सटे प्रदेश की पुलिस भी चौकन्नी हो गयी थी। बॉर्डर्स को सील कर दिया गया था।

एनकाउंटर का दूसरा दिन
तीन जुलाई को सुबह पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान विकास के दो साथियों को बिकरू के पास जंगलों में छह घंटे बाद मार गिराया। यूपी डीजीपी ने प्रदेश के 75 जिलों में विकास को पकड़ने के लिए अलर्ट जारी किया।

एनकाउंटर का तीसरा दिन
चार जुलाई को कानपुर प्रशासन और पुलिस की टीम ने बिकरू गांव पहुंचकर विकास के घर को गिराया। बता दें की पुलिस ने विकास के घर को उसी जेसीबी से गिराया जिस जेसीबी से विकास ने पुलिस वालों को दबिश देने से रोका था। इस दौरान विकास के पिता घर में ही थे और जैसे ही पुलिस घर को तोड़ने के लिए आयी, विकास के पिता चुप चाप बहार निकल कर साइड में जाकर घर को टूटते हुए देखते रहे।

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एनकाउंटर का चौथा दिन
हरियाणा के फरीदाबाद की पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में इन लोगों ने स्वीकार किया है कि 3 जुलाई को पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद विकास दुबे दो दिन तक कानपुर के शिवली में ही था। बाद में वह फरादीबाद आ गया और अपनी भाभी की मौसी के घर पर पनाह ली थी। बाद में वह यहां से भी फरार हो गया। फरीदाबाद पुलिस ने बताया कि विकास दुबे के मुख्य साथी के अलावा दो अन्य आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने दबोच लिया। विकास के खास गुर्गे कार्तिकेय उर्फ प्रभात ने खुद को पुलिस से घिरा पाकर पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। उसके पास से चार पिस्टल और 44 जिंदा कारतूस बरामद किए गए ।

एनकाउंटर का पांचवा दिन
एनकाउंटर के पांचवे दिन पुलिसिया कार्रवाई अब तेज हो गई । कानपुर केस में विकास दुबे के लिए मुखबिरी के शक में चौबेपुर थाने के सस्पेंड चल रहे एसओ विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । जांच टीम को शक है कि विनय तिवारी ने ही विकास दुबे को इस बात की जानकारी दी थी कि रात में उसको पकड़ने के लिए टीम आने वाली है। इसके बाद विकास ने पुलिस पर हमला करने की योेजना बनाई और आठ पुलिस वाले इस हमले में मारे गए। आईजी मोहित अग्रवाल और एसएसपी दिनेश कुमार पी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि विनय तिवारी और केके शर्मा ने ही पुलिस कार्रवाई की जानकारी पहले ही विकास दुबे को दे दी।

 

एनकाउंटर का छठवा दिन
फरीदाबाद में विकास दुबे पुलिस के हाथ आते-आते बच गया। विकास दुबे फरीदाबाद में सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि कैसे पुलिस के आने से पहले वह एक ऑटो में सवार होकर भाग गया। फुटेज में विकास रोड पर खड़ा ऑटो का इंतजार करता दिखा। मिठाई की एक दुकान के सामने खड़ा विकास करीब पांच मिनट तक वहां इंतजार करता रहा। उसने देख लिया था कि मिठाई की दुकान पर कैमरा लगा है इसलिए वहां से हट गया मगर तबतक उसकी तस्‍वीरें कैद हो चुकी थीं। पहले दो ऑटो ने उसे नहीं बिठाया। तीसरे ऑटो में वह बैठा और चला गया। उसने काले रंग की शर्ट, जींस और मास्क पहना हुआ था। उसके कंधे पर एक बैग भी देखा गया था।

एनकाउंटर का सातवां दिन
कानपुर एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हमीरपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के करीबी सहयोगी अमर दुबे को मार गिरया। अमर दुबे कानपुर एनकाउंटर केस में भी एक आरोपी था, जिसमें विकास दुबे गैंग के आठ जवान मारे गए थे। SP हमीरपुर, श्लोक कुमार, ने कहा कि, ‘अमर दुबे के यहां होने की सूचना मिली थी, घेराबंदी में उसने पुलिस पर फायरिंग की जिसमें SHO मौदहा, एक STF कांस्टेबल को गोली लगी। जवाबी कार्रवाई में ये घायल हुआ और इसे अस्पताल भेजा गया,जहां इसे मृत घोषित किया गया। इसके पास से एक ऑटोमेटिक हथियार और एक बैग मिला था .’

आज (9 जुलाई) पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया है और साथ ही विकास दुबे के दो और साथियों प्रभात मिश्रा और बउअन को मार गिराया है. विकास के करीबी माने जाने दोनों अपराधी कानपुर कांड में शामिल थे. प्रभात को कानपुर की पनकी थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने ढेर किया. प्रभात को फरीदाबाद से गिरफ्तार करके रिमांड पर लाया जा रहा था, यहां उसने पुलिस का हथियार छिनकर भागने की कोशिश की और मारा गया. पुलिस की गाड़ी पंचर हो जाने की वजह से प्रभात ने भागने की नाकाम कोशिश की. प्रभात ने पुलिस का हथियार छीनकर फायर किया जिसमें पुलिस के दो जवान घायल हे गए. प्रभात बिकरु गांव का रहने वाला था.

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