गुरुग्राम के उपायुक्त अमित खत्री के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग ने होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोनावायरस मरीजों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए हिदायतें दी है कि वे किस प्रकार कोरोनावायरस संक्रमण होने पर घर में रहकर भी अपने स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर आज प्रत्येक नागरिक के मन में भय की स्थिति है लेकिन इससे डरने की बजाय हमें आवश्यक सावधानियां बरतते हुए स्वयं व अपने परिवार का बचाव करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि होेम आइसोलेशन के दौरान कोरोना संक्रमित व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनते हुए स्वयं के स्वास्थ्य की निगरानी रखनी चाहिए। इसके लिए उसे कुछ आवश्यक हिदायतो का पालन करने की जरूरत है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइंस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को दिन में दो बार सुबह और रात जब कभी भी बुखार महसूस हो, अपने स्वास्थ्य का परीक्षण जरूर करना चाहिए। कोरोना संक्रमित व्यक्ति थर्मामीटर से अपना तापमान ले। आश्रित मरीजों के मामले में देखभाल करने वाला व्यक्ति अपना तापमान चेक कर सकता है।
तापमान जांचने से पहले और बाद में मास्क और डिस्पोजेबल ग्लव्ज का प्रयोग अवश्य करना चाहिए और समय-समय पर हाथ धोने चाहिए। प्रतिदिन व्यक्ति को अपनी पल्स दिन में दो बार 1 मिनट के लिए जांच करनी चाहिए। मरीज या देखभाल करने वालों द्वारा पल्स की जांच के लिए अपनी पहली उंगली और मध्यम उंगलियों को अपनी कलाई-अंगूठे के आधार पर रखकर जांच करनी चाहिए। सेकंड को गिनने वाली घड़ी का उपयोग करके गिने कि आप 1 मिनट में कितने बिट्स महसूस करते हैं। आप 30 सेकंड तक बिट्स मिलकर उस संख्या को 2 से भी गुणा कर सकते हैं। जांच के बाद तापमान पल्स रेट और कोई अन्य लक्षण को एक कॉपी पर समय और तारीख के साथ नोट करें। चेकअप के लिए आने वाले रोजाना फोन कॉल पर मेडिकल टीम को इसकी जानकारी दें।
अगर कोरोना संक्रमित व्यक्ति का तापमान 100 फारेनहाइट अर्थात 35.8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो या पल्स 100 बिट्स प्रति मिनट से अधिक हो तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीम से संपर्क करें। बुखार के अलावा कोविड-19 के अन्य लक्षणों के लिए सतर्क रहें क्योंकि इन संकेतों के मिलते ही डॉक्टर की सलाह पर मरीज को तुरंत हॉस्पिटल में जाना पड़ सकता है।
यदि कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो रही हो या छाती में लगातार दर्द या दबाव महसूस हो रहा हो तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके हॉस्पिटलाइज करें। किसी प्रकार का मानसिक भ्रम होने या चेहरे का नीला पड़ जाने आदि स्थिति में अवश्य डाॅक्टर को सूचित करें। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने शरीर में होने वाले प्रारंभिक बदलावों जैसे-गला खराब होना, गले में खराश होना, खांसी, जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ले।
कोरोना संक्रमित व्यक्ति घर के अन्य सदस्यों से उचित दूरी बनाए रखें और जहां तक संभव हो अपने स्वास्थ्य की निगरानी स्वयं करें। फोन या वीडियो कॉल पर अपने परिवार के सदस्य और रिश्तेदारों और दोस्तों से संपर्क में रहे। इस दौरान अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ें टेलीविजन शो फिल्में देखें या अपने मोबाइल फोन और कंप्यूटर पर गेम खेलते हुए स्वयं को व्यस्त रखने का प्रयास करें।