देश में मौजूदा कोरोना संकट के बीच वैक्सीन के संकट से सब परेशान है। ऐसे में अब सरकार द्वारा ज़ोर वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने पर दिया जा रहा है। इसी क्रम में में मुंबई स्थित हाफकाइन बायो फार्मा को कोवैक्सिन के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए 159 करोड़ का अनुदान दिया गया है। बता दें कि हाफकाइन महाराष्ट्र सरकार का उपक्रम यानी (PSU) है और यह भारत बायोटेक के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर व्यवस्था के तहत कोवाक्सिन वैक्सीन का निर्माण यानी प्रोडक्शन कर रही है।
कुल 159 करोड़ रुपये आवंटित।
सरकारी एजेंसियों के मुताबिक कोवैक्सिन के उत्पादन के लिए हाफकाइन बायोफार्मा को कुल 159 करोड़ रुपये का अनुदान आवंटित किया गया है। इनमें से केंद्र सरकार ने 65 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र सरकार से 94 करोड़ रुपये का अनुदान आवंटित किया है। हाफकाइन को एक साल में कोवैक्सिन की 22.8 करोड़ डोज का उत्पादन करने का प्रस्ताव दिया गया है यानि इतने समय में इन्हें वैक्सीन का निर्माण करना है। बता दे यह उत्पादन यानी प्रोडक्शन मुंबई में कंपनी के परेल कॉम्प्लेक्स में किया जाएगा।
हाफकाइन बायोफार्मा के प्रबंध निदेशक ने कहा – युद्द स्तर पर हो रहा है काम।
हाफकाइन बायोफार्मा के प्रबंध निदेशक डॉ संदीप राठौड़ ने कहा कि उनकी कंपनी को आठ महीने का समय दिया गया है और काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। पूरी आबादी का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन करने के उद्देश्य से देश में घरेलू टीके का उत्पादन केंद्र की मदद से लगातार तेज किया जा रहा है।
हाफकाइन ने कई वैक्सीन्स का किया है निर्माण।
गौरतलब है कि Haffkine Biopharma हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक लिमिटेड (Bharat Biotech) के साथ हुए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर समझौते के तहत कोवैक्सिन का निर्माण कर रही है। बता दे Haffkine BioPharmaceutical Corporation Ltd 122 साल पुराने हाफकाइन इंस्टिट्यूट की एक शाखा है, जो देश के सबसे पुराने बायो मेडिकल रिसर्च संस्थानों में से एक है। इसका नाम रूसी बैक्टीरियोलॉजिस्ट डॉ. वाल्डेमर Haffkine के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने प्लेग की वैक्सीन का आविष्कार किया था। इनके द्वारा विकसित की गयी वैक्सीन में एंटी-रेबीज सीरम, एंटी-वेनम सीरम, ओरल पोलियो वैक्सीन आदि शामिल हैं।