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कोरोना को हराने के बाद सूरत में शख्स ने बनवाया 85 बेड का कोरोना अस्पताल, गरीबों का होगा मुफ्त इलाज

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कोरोना की मार झेल रहे हमारे देश में इस महामारी का कहर बढ़ता ही जा रहा है। देश में कोरोना से संक्रमित लोगों का आकड़ा 12 लाख के पार हो गया है, वहीं 28 हजार से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। इन सभी ख़बरों के बीच आये दिन हमे ऐसी खबरे भी मिलती है जो देश से लड़ रहे कोरोना योद्धा को और इससे संक्रमित लोगों के लिए एक आशा की किरण लेकर आती है।

ऐसा ही एक वाक्य सामने आया है गुजरात के सूरत से। यहां कोरोना से ठीक होने वाले कादर शेख ने लोगों के लिए एक पूरा कोविड अस्पताल ही बना डाला। दरअसल सूरत में कादर लंबे वक्त तक अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ते रहे। इस भयानक जंग को जीतने के बाद कादर ने अस्पताल में रहने के दौरान ही तय कर लिया था कि कोरोना मरीजों के लिए वो अपने दम पर एक अस्पताल बनवाएंगे।

Corona

 

दफ्तर को ही किया अस्पताल में तब्दील !

अपनी चाह को पाने के मकसद के साथ कादर शेख इसमें भी कामयाब भी हो गए। उन्होंने ठीक होने के तुरंत बाद 85 बेड वाला कोविड अस्पताल बना दिया। ख़ास बात ये है की उन्होंने अपने दफ्तर को ही अस्पताल में बदल दिया है। अब स्थानीय प्रशासन से भी उसके अस्पताल को मंजूरी मिल चुकी है, जिसमें 85 बिस्तरों के साथ-साथ 15 ICU बेड की भी व्यवस्था की जा रही है।

                           

गरीबों का होगा मुफ्त इलाज !

सूरत के रहने वाले कादर शेख कुछ दिनों पहले की कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। 63 वर्ष की उम्र में कोरोना होने की वजह से उन्हें इस बिमारी को हारने में काफी समय लग गया। इलाज के दौरान शेक ने देखा कि निजी अस्पतालों में लोगों को लाखों रुपए खर्च करना पड़ रहे हैं। तभी उन्होंने तय किया कि वे ठीक होने के बाद गरीबों के मुफ्त इलाज के लिए कोविड अस्पताल बनाएंगे।

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डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने अस्पताल के निर्माण पर काम करना शुरू कर दिया। अपने 30,000 वर्ग फीट के दफ्तर को उन्होंने कोरोना अस्पताल में बदल दिया।

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जब अस्पताल बनकर तैयार हो गया तो उन्होंने सूरत नगर निगम के साथ मेडिकल स्टाफ और 15 बेड वाली आईसीयू की सुविधा वाले उपकरणों की सप्लाई के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किये। ख़ास बात ये है की निरीक्षण के बाद उनके अस्पताल को मंजुरी भी मिल गयी।

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पोती के नाम पर रखा अस्पताल का नाम

कादर शेख ने अपने अस्पताल का नाम अपनी पोती के नाम पर हिबा अस्पताल रखा है। डॉक्टर आशीष नाइक के मुताबिक अगले कुछ दिनों में अस्पताल काम करने लगेगा, यहां न्यू सिविल हॉस्पिटल और एसएमआईएमईआर अस्पताल से मरीजों को रेफर किया जाएगा।’

शेख के मुताबिक अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों के लिए भी अलग से स्पेस तैयार किया है। एक किचन और डायनिंग एरिया भी बनाया। कोशिश रहेगी कि मरीजों के भोजन भी यहीं उपलब्ध हो।

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