बर्लिन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में मंगलवार को बर्लिन से डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन पहुंचे.
डेनमार्क प्रधानमंत्री, मेटे फ्रेडरिकसेन ने उनके आगमन पर कोपेनहेगन हवाई अड्डे से पीएम मोदी का स्वागत किया.
🔲 #WATCH कोपेनहेगन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोपेनहेगन, डेनमार्क पहुंचे। डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।@narendramodi#European#Denmark
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— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) May 3, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोपेनहेगन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के आवास पहुंचे और उनसे बातचीत की.
बर्लिन से डेनमार्क के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने जर्मन सरकार को धन्यवाद दिया. पीएम ने ट्वीट किया,
“मेरी जर्मनी यात्रा एक उत्पादक रही है. @Bundeskanzler Scholz के साथ बातचीत व्यापक थी और इसी तरह अंतर-सरकारी परामर्श भी थे. मुझे व्यापार और भारतीय समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत करने का एक शानदार अवसर मिला. मैं जर्मन सरकार को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं.”
पीएम मोदी की यह पहली डेनमार्क यात्रा है, जो कई मायनों में बेहद खास है. आइए जानते हैं इस यात्रा की कुछ खास बातें.
- डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन से आज पीएम मोदी की यह तीसरी समिट लेवल की मुलाकात होगी. इस मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक हित के मसलों पर भी चर्चा होगी.
- पीएम मोदी और फ्रेडरिकसन बाद में भारत-डेनमार्क व्यापार मंच के तत्वावधान में दोनों देशों के व्यापार गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. व्यापारिक नेताओं से बातचीत करेंगे.
- पीएम मोदी डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
- ये सम्मेलन कोरोना महामारी के बाद आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा आदि विषयों पर केंद्रित होगा.
- भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के इतर पीएम मोदी आइसलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन और फिनलैंड के राष्ट्रप्रमुखों से अलग से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे.
- अमेरिका के अलावा भारत एकमात्र ऐसा देश है, जिसके साथ नॉर्डिक देशों की शिखर स्तरीय बैठकें होती हैं.