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ओम बिड़ला 17 वीं लोकसभा के स्पीकर चुने गए, पीएम मोदी ने दी बधाई

ओम बिड़ला 17 वीं लोकसभा के स्पीकर चुने गए, पीएम मोदी ने दी बधाई
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नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला को बुधवार को 17 वीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है.

बुधवार को कार्यवाही शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा. कांग्रेस, तृणमूल, द्रमुक और बीजद समेत कई दलों ने इसका समर्थन किया.

पीएम मोदी ने लोकसभा के नए स्पीकर ओम बिड़ला का उनके पद पर स्वागत करते हुए कहा,”ओम बिड़ला को इस पर आसीन देखना गर्व की बात है. पुराने सदस्य आपसे भली-भांति परिचित हैं. राजस्थान में भूमिका से भी लोग परिचित हैं. वे जहां से आते हैं, वो शिक्षा का काशी बन गया है. कोटा एक प्रकार से लघु भारत बन गया है. हम लोगों की एक छवि बनी रहती है कि 24 घंटे हम राजनीति करते हैं, तू-तू-मैं-मैं करते हैं. लेकिन अब हार्डकोर्ड पॉलिटिक्स का जमाना जा रहा है.”

ओम बिड़ला के विनम्र स्वभाव पर पीएम मोदी ने कहा,”मुझे डर है कि उनकी नम्रता और विवेक का कोई दुरुपयोग न कर ले. जब पिछले सत्र को याद करेंगे तो सुमित्राजी का हमेशा मुस्कुराना और स्नेह से डांटना याद आएगा.”

56 वर्षीय राजस्थान के कोटा से दूसरी बार भाजपा सांसद नियुक्त किये गए हैं और अपने राज्य में तीन कार्यकाल के लिए विधायक थे. वह 15 साल से अधिक समय पहले वसुंधरा राजे सरकार में संसदीय सचिव भी थे.

एक कृषक और सामाजिक कार्यकर्ता, कम-प्रोफ़ाइल नेता अपने छात्र दिनों से राजनीति में सक्रिय रहे हैं और 1991 में भारतीय युवा मोर्चा के राज्य इकाई अध्यक्ष और राष्ट्रीय स्तर पर उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है.

बिड़ला कोटा से 17 वीं लोकसभा के लिए चुने गए, जहां से उन्होंने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 2.5 लाख से अधिक मतों से हराया। वह पिछली लोकसभा में भी उसी सीट से चुने गए थे.

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23 नवंबर, 1962 को जन्मे, ओम बिड़ला ने कोटा के गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर से वाणिज्य में मास्टर्स पूरा किया है.

2003 में उन्होंने कोटा दक्षिण से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस के शांति धारीवाल को 10,101 मतों के अंतर से हरायाथा. इसके बाद, उन्होंने 2008 और 2013 में भी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.

वह 2003 से 2008 तक वसुंधरा राजे सरकार में संसदीय सचिव थे। पिछली लोकसभा में, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति के सदस्य और मंत्रालय की याचिकाओं और परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी थे.