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अलग-अलग राज्यसभा उपचुनावों के खिलाफ कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग से कांग्रेस की याचिका पर 24 जून तक जवाब मांगा है, जिसमें गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों के लिए उपचुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई थी.

न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्यकांत की अवकाश पीठ ने 25 जून को सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर सुनवाई की आवश्यकता है.

चुनाव आयोग ने दो सीटों के लिए अलग-अलग राज्यसभा उपचुनाव के लिए 5 जुलाई की तारीख तय की है. चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ यह याचिका गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेशभाई धनानी ने दायर की थी.

याचिका में कहा गया कि एक ही दिन दोनों सीटों पर अलग-अलग चुनाव कराना असंवैधानिक और संविधान की भावना के खिलाफ है.

पीठ ने कहा, “यह ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसे एक चुनाव याचिका के माध्यम से उठाया जा सकता है और इसलिए, इसे सुनने की आवश्यकता है.” गुजरात कांग्रेस के पक्ष से अदालत में मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने अपील करते हुए कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के कई निर्णय ऐसे हैं जो उनके पक्ष में हैं.

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इस पर, पीठ ने कहा, “हम अभी के लिए कुछ नहीं कह रहे हैं। हमें यह तय करने की आवश्यकता है कि यह एक आकस्मिक रिक्ति है या वैधानिक रिक्ति है। इस मामले में सुनवाई की आवश्यकता है.”

भाजपा प्रमुख अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के क्रमशः गांधीनगर और अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद गुजरात की दो राज्यसभा सीटें खाली हो गईं हैं.

गुजरात विधानसभा में भाजपा के 100 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 71 हैं.

राज्यसभा चुनाव में एकल हस्तांतरणीय वोट प्रणाली के तरीके से चयन किया जाता है. प्रत्येक सांसद का वोट केवल एक बार गिना जाता है. सांसद प्रत्येक उम्मीदवार के लिए वरीयता क्रम को सूचीबद्ध करते हैं. वह उम्मीदवार जो अधिक मतदाताओं के लिए पहली पसंद है, जीतता है.