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किस पार्टी को देंगे वोट? ऐसा पूछने वाली फेक कॉल से बचिए!

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क्या आपके पास भी किसी रेडियो स्टेशन से फोन आया है? क्या उन्होंने आपसे पूछा कि आप किस पार्टी को वोट देने जा रहे हैं? क्या उन्होंने आपको आश्वासन दिया कि आपकी ये जानकारी केवल सर्वे के लिए ली जा रही है और इसे गोपनीय रखा जाएगा?

2019 लोकसभा चुनाव के तीन चरण के लिए मतदान हो चुके हैं. जैसे जैसे चुनाव के नतीजों की तारिख नज़दीक आ रही है, चुनावी सरगर्मियां भी तूल पकड़ रही हैं. लेकिन इसी बीच कुछ अराजक तत्त्व ऐसे हैं, जो लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार के लिए खतरा बन कर उभर रहे हैं.

इन अराजक तत्वों के नवीनतम हतकंडे मतदाताओं को शिकार बनाने के इरादे से अपनाये गए हैं. ये मतदाताओं को फोन करते हैं और उनसे पूछते हैं कि वे किस पार्टी को वोट देने वाले हैं.

यह निजी जानकारी सर्वे करने की आड़ में लोगों से मांगी जा रही है.

कॉल को विश्वसनीय और वैध रूप देने के लिए लोगों से कहा जाता है कि फोन रेडियो स्टेशन या ऐसे ही किसी प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा की जा रही है, हालांकि संसथान का पूरा नाम आपको नहीं बताया जाएगा. साथ ही कॉल कहां से की जा रही यह भी आपको नहीं बताया जाएगा, बल्कि जगह का नाम बदलकर बताया जाएगा.

ऐसी ही एक कॉल न्यूज़मोबाइल टीम के एक सदस्य के पास आया. किस तरीके से मतदाताओं की राजनितिक पसंद जैसी संवेदनशील जानकारी इन अराजक तत्वों द्वारा खंगाली जाती है, यह अपने पाठकों तक पहुंचाने के लिए हमने इस कॉल को रिकॉर्ड कर लिया.

कॉल पर सामने वाला शख्स लगातार यह पूछ रहा है,’आप किस पार्टी के लिए वोट करने जा रहे हैं.’ कॉल करने वाले शख्स ने कहा कि वह रेडियो स्टेशन से बात कर रहा है और कॉल सर्वे की दृष्टि से किया जा रहा है. हमारे ये पूछने के बाद कि वो कहां से बोल रहे हैं, उन्होंने कहा कि दिल्ली से कॉल किया गया है, जोकि गलत जानकारी थी. बाद में हमारी जांच में सामने आया कि कॉल दरअसल बिहार से किया गया था.

आप इस रिकॉर्डिंग को यहां सुन सकते हैं.

मतदाता अक्सर अपनी निजी जानकारी ऐसे अराजक तत्वों के हाथों गवां बैठते है. ऐसे में कुछ चीज़ें हैं जिनकी जानकारी मतदाताओं को होनी चाहिए.

मतदाता होने के नाते आपके पास गोपनीयता का अधिकार है. इस अधिकार के अधीन आपको पूरा हक़ है कि आप अपनी राजनितिक पसंद और प्राथमिकताएं, आप किसको वोट देने वाले हैं, इत्यादि जानकारी को गुप्त रख सकते हैं.

कोई भी व्यक्ति या संसथान आपसे यह जानकारी देने के लिए नहीं कह सकता, फिर भले ही आपसे यह कहा जा रहा हो कि आपकी जानकारी को गुप्त रखा जाएगा और इसका इस्तेमाल केवल सर्वे के लिए किया जाएगा.

इसके अलावा, यदि मतदाता अपनी राजनितिक पसंद जैसी निजी जानकारी इन अराजक तत्वों के हाथों सौंप देता है, तो ऐसे में अलग-अलग हत्कंडे अपनाकर मतदाताओं की पसंद नापसंद को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, जो लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है. चुनाव आयोग को अवश्य ही इस दिशा में कदम उठाने चाहिए और इसे संज्ञान में लेकर इसकी सतह तक जाकर छानबीन करनी चाहिए.

इस प्रकार की कॉल से जुड़ी जानकारी हमें और भी सूत्रों से मिली है. यदि आपके पास भी ऐसी कोई कॉल आयी है तो हमसे संपर्क करें और ऐसी कॉल को रिकॉर्ड कर हमें भेजे.