बुराई पर अच्छाई की विजय होने से पहले ही अलीगढ़ में रामलीला ग्राउंड से ऐसी खबर आई है की लोगों समेत समिति वालों के होश उड़ गए। रावण दहन के इंतज़ार में लोग जब विजयदशमी के दिन उठे तो देखा की रामलीला ग्राउंड से रावण का पुतला ही गायब हो गया है। इस घटना के बाद रामलीला कमेटी के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे जहाँ उन्होंने पुलिस पर मनमानी करते हुए रावण दहन रोकने का आरोप लगाया है।
बता दे रावण के गायब हो जाने के कुछ ही देर बाद दहन स्थल के पीछे रावण का पुतले का सिर्फ ढांचा मिला। अब मामले में भाजपा नेता की तरफ से रामलीला महोत्सव अध्यक्ष वेदप्रकाश जैन के खिलाफ थाना गांधीपार्क में तहरीर दी गई है।
पांच दिनों से रावण का पुतला हो रहा था तैयार।
अब पुतला गायब होने के बाद समिति का कहना है कि हमने तय किया था कि रावण दहन कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए रामलीला ग्राउंड में ही कराया जाएगा। जिसके चलते पुतले की ऊंचाई भी घटा दी गई थी। रामलीला गोशाला कमेटी ने परंपरा को कायम रखने के लिए इस बार मंचन की जगह संगीतमय रामायण पाठ भी कराया था। विजयादशमी के लिए बीते पांच दिनों से रावण का पुतला तैयार किया जा रहा था। जिसके बाद रविवार को ग्राउंड में पुतले को आतिशबाजी लगाकर खड़ा किया जाना था। लेकिन सुबह कमेटी के पदाधिकारी व आसपास के लोग पहुंचे तो वहां पर रावण का पुतला नहीं मिला। यह देख सभी लोग हैरान हो गए और तो और पुतला तैयार करने वाला कारीगर भी नहीं मिला।
अब पुलिस पर ही लगाया आरोप।
इस मामले के बाद कमेटी के पदाधिकारियों ने कथित तरीके से आरोप लगाया कि पुलिस रावण दहन रोकने के लिए जबरन पुतला गायब कराया है। विवाद बढ़ने पर एसीएम प्रथम अंजुम बी सहित पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी भी आ गए। इस दौरान कुछ लोगों को दहन स्थल के पीछे बाग में रावण के पुतले का ढांचा तहस-नहस अवस्था में पड़ा देखा। जिसके बाद कमेटी ने पुतले को दहन स्थल पर फिर से रखवाया। उधर जनप्रतिनिधियों, पुलिस-प्रशासन व कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक में तय हुआ कि रावण दहन रामलीला ग्राउंड में ही कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए होगा। जिसके बाद कारीगर को घर से बुलवाकर लाया गया और पुन: पुतले को तैयार करवाया गया।