कोरोना के इस विकराल होते रूप के बीच इस जंग के खिलाफ जिसे सबसे बड़ा हथियार माना गया वो है वैक्सीन। कोरोना के खिलाफ इस जंग को जीतने के लिए ही भारत ने एक नहीं बल्कि दो वैक्सीन के साथ अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया था। हालांकि, उस समय भारत बायोटेक की बनाए स्वदेशी टीके ‘कोवैक्सिन’ पर देश में ही सवाल खड़े हो रहे थे लेकिन अब अमेरिका ने भी इस वैक्सीन का दम माना है।
अब दुनिया की सबसे कठिन परिस्थितियों से झूझ रहे भारत के लिए इस कठिनाई भरे समय में स्वदेशी कोवैक्सिन को लेकर अच्छी खबर आई है। दरअसल अमेरिका के चीफ मेडिकल एडवाइजर और महामारी के टॉप एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फौसी के मुताबिक कोरोना के 617 वैरिएंट्स को बेअसर करने में कोवैक्सिन कारगर है।
फौसी का कहना है कि भारत में कोवैक्सिन लगवाने वाले लोगों के डेटा से वैक्सीन के असर के बारे में पता चला है। इसलिए भारत में मुश्किल हालात के बावजूद वैक्सीनेशन काफी अहम साबित हो सकता है।
ICMR भी कह चुकी- कोवैक्सिन डबल म्यूटेंट खिलाफ भी कारगर।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने 20 अप्रैल को कहा था कि कोवैक्सिन डबल म्यूटेंट कोरोना वैरिएंट के खिलाफ भी प्रोटेक्शन देती है। अपनी स्टडी के आधार पर ICMR ने कहा कि ब्राजील वैरिएंट, UK वैरिएंट और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर भी ये वैक्सीन असरदार है और उनके खिलाफ भी यह प्रोटेक्शन देती है।
क्लिनिकल ट्रायल में भी कोवैक्सिन 78% तक है प्रभावी।
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक और ICMR ने कोवैक्सिन के तीसरे फेज की अंतरिम क्लीनिकल ट्रायल रिपोर्ट में कहा था कि कोवैक्सिन क्लीनिकली 78% और कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों पर 100% तक असरदार है। कंपनी ने अपने एनालिसिस में कोरोना के 87 सिंप्टम्स पर रिसर्च की थी। अब कंपनी द्वारा वैक्सीन को लेकर अंतिम रिपोर्ट जून में जारी की जाएगी।