पंजाब मंत्रिमंडल में चल रही अराजकता के बीच, पूर्व क्रिकेटर से राजनेता बने, नवजोत सिंह सिद्धू, जिन्होंने सप्ताहांत में सोशल मीडिया पर अमरिंदर सिंह सरकार से बाहर निकलने की घोषणा की थी, ने आखिरकार आज मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया।
उन्होंने एक ट्वीट के माध्यम से इसकी पुष्टि की, जिसमें कहा गया था कि इस्तीफा पत्र कैप्टन अमरिंदर सिंह के आधिकारिक आवास पर पहुंचाया गया है.
Today I have sent my resignation to the Chief Minister Punjab, has been delivered at his official residence…
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) July 15, 2019
पिछले महीने हुए फेरबदल में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा उन्हें आवंटित किए गए बिजली मंत्रालय का कार्यभार नहीं संभालने पर सिद्धू को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था. बता दें कि सिद्धू पहले स्थानीय निकायों, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय का कार्यभार ,जिसके बाद उनका मंत्रालय बदलकर बिजली मंत्रालय कर दिया गया था.
फेरबदल के बाद सिद्धू ने अपना त्याग पत्र तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी भेजा था.
My letter to the Congress President Shri. Rahul Gandhi Ji, submitted on 10 June 2019. pic.twitter.com/WS3yYwmnPl
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) July 14, 2019
यह पत्र उनके द्वारा रविवार को जारी किया गया था. कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने समझौता करने की कोशिश की, लेकिन प्रयास अंतिम रूप नहीं ले सका.
सिद्धू के इस्तीफे पर बोलते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू मंत्रालयों का चयन नहीं कर सकते हैं और ना ही दिए हुए काम को करने से मना कर सकते हैं.
यह कहते हुए कि उन्होंने सिद्धू के त्याग पत्र में क्या लिखा है यह अबतक नहीं देखा है , मुख्यमंत्री ने कहा कि “कुछ अनुशासन होना चाहिए”.
पर्यटन और संस्कृति से सिद्धू के पोर्टफोलियो को बदलने के पीछे के तर्क को बताते हुए, उन्होंने कहा कि यह करना ज़रूरी था क्योंकि पंजाब बिजली संकट से जूझ रहा था और उन्हें काम करने के लिए तत्काल किसी मंत्री की जरूरत थी.
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पंजाब कैबिनेट से उनका बाहर निकलना पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ लगातार बढ़ते विभाजन से जुड़ा हुआ है.
दोनों के बीच तनाव उस समय बढ़ गया जब सिद्धू पिछले साल नवंबर में करतारपुर कॉरिडोर के जमीनी समारोह के लिए पाकिस्तान गए थे, इसके बावजूद अमरिंदर ने निमंत्रण स्वीकार करने और सिद्धू को ऐसा करने से इनकार कर दिया था.
इसके अलावा सिद्धू की पत्नी को चुनावी टिकट नहीं दिए जाने पर भी सिद्धू नाराज़ चल रहे थे.