कोरोना महामारी से जूझ रहे दुनिया ने भारत की अर्थव्यवस्था को भी ख़ासा नुख्सान पहुंचाया था। इसी नुकसान की भरपाई के लिए देश के प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल का नारा दिया था। इसी नारे को साकार करने के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर में गाय के गोबर से इको फ्रेंडली दीये बनाए जा रहे हैं। इस काम में नहीं तोह भी 100 से अधिक महिलाएं जुटी हुई हैं।
Rajasthan: A group of women are preparing eco-friendly 'diyas' with cow dung in Jaipur.
"Cow dung is believed to be pure in our tradition.Over 100 women are making 1000 pieces each day. Made in China material pollute environment but they'll decompose easily,"says a woman(20.10) pic.twitter.com/PJUXXjraVx
— ANI (@ANI) October 19, 2020
गाय के गोबर के दीयों से जगमग होंगे घर।
इन महिलाओं की कोशिश है कि दीपावली के त्योहार से पहले अधिकतम दीये बना लिए जाएं, ताकि जयपुर के घरों में इको फ्रेंडली तरीके से रोशनी फैलाई जा सके। अब इसी काम को साकार करने के लिए गाय के गोबर से बन रहे इन दीयों को बनाने में करीब 100 महिलाएं लगी हुई हैं। जो दिनभर में करीब 1000 दीये बना रही हैं। इस तरह से हर दिन करीब 1 लाख दीयों का निर्माण हो रहा है।
पर्यावरण के साथ अर्थव्यवस्था का भी ध्यान।
दीयों को बनाने में जुटी एक महिला ने कहा कि हम न सिर्फ अपनी परंपरा से जुड़े हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा पहुंचा रहे हैं, साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान से बचा रहे हैं। महिला ने कहा कि गाय का गोबर हमारी परंपरा में पवित्र माना जाता है,और ये कुछ समय में स्वत: नष्ट हो जाता है जिससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता। वहीं, चीनी दीयों से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है।