लेबनान की बेका घाटी के मचघरा इलाके में वरिष्ठ हिजबुल्लाह कमांडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या कर दी गई। उनको उन्हीं के घर के सामने गोली मार दी गई। अज्ञात हमलावरों ने उन पर छह गोलियां दागीं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई।
हमादी हिजबुल्लाह के एक प्रमुख नेता थे और 1985 में एथेंस से रोम जा रहे TWA विमान अपहरण के मामले में एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में शामिल थे। इस घटना में 153 यात्रियों को बंधक बनाया गया था, जिसमें एक अमेरिकी नागरिक की यातना देकर हत्या कर दी गई थी।
हत्या का कारण: पारिवारिक विवाद या राजनीतिक साजिश?
लेबनानी अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में हत्या के पीछे राजनीतिक मकसद से इनकार किया गया है। शुरुआती निष्कर्षों के अनुसार, यह हत्या पारिवारिक झगड़े का नतीजा हो सकती है, जो वर्षों से चला आ रहा था।
तनावपूर्ण समय में हत्या
यह हत्या ऐसे समय में हुई है जब इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच 60-दिवसीय युद्धविराम समाप्त होने के करीब है। 27 नवंबर को हुए युद्धविराम समझौते के तहत, इजराइल को 26 जनवरी तक दक्षिणी लेबनान से सेना हटानी है, जबकि हिजबुल्लाह को लिटानी नदी के उत्तर में अपनी स्थिति मजबूत करनी है।
हालांकि, इजराइल अब तक केवल दो प्रमुख शहरों से ही सेना हटा पाया है और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले जारी रखे हैं। इजराइल ने आरोप लगाया है कि हिजबुल्लाह अपने हथियारों को दूसरी जगह ले जाकर समझौते का उल्लंघन कर रहा है।
संघर्ष के गंभीर परिणाम
चालू संघर्ष ने क्षेत्र को गहरा नुकसान पहुंचाया है। हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच 14 महीने से चल रहे संघर्ष के कारण 1.2 मिलियन लेबनानी और 50,000 इजराइली विस्थापित हुए हैं। लेबनानी सरकार के अनुसार, बमबारी में 3,700 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर नागरिक हैं। वहीं, इजराइल में 130 से अधिक मौतें हुई हैं।
हिजबुल्लाह ने चेतावनी दी है कि अगर इजराइल ने निर्धारित समय सीमा तक सेना नहीं हटाई, तो वे फिर से संघर्ष शुरू कर सकते हैं। इस हत्या ने पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और भड़का दिया है, जिससे आने वाले दिनों में क्षेत्र में हालात और बिगड़ने की आशंका है।