मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक किसान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि किसान पर बिजली विभाग का 88 हजार रुपये का कर्ज था। इसी क्रम में विभाग लगातार किसान को कर्ज लौटाने के लिए कह रहा था। इतना ही नहीं बिजली का बिल भुगतान न करने पर ऊर्जा कंपनी ने उसकी आटा मिल और मोटरसाइकिल भी अटैच कर ली थी। अब पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि किसान का शव पेड़ से लटका मिला है। किसान के कपड़े से ही एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें किसान ने खुदकुशी की वजह का जिक्र किया है।
क्या लिखा है सुसाइड नोट में।
अपने सुसाइड लेटर में किसान ने लिखा है कि ‘मेरे परिवार से प्रार्थना है कि मेरे मरने के उपरांत मेरा शरीर शासन के सुपुर्द कर दें। जिससे मेरे शरीर के एक-एक अंग को बेचा सके और जिससे शासन अपना कर्ज चुका सके।’ सुसाइड नोट में किसान ने तमाम परेशानियों का जिक्र किया है। उसने लिखा है- “बकाया बिजली बिल के लिए विभाग के कर्मचारी लगातार परेशान कर रहे हैं। यहां तक कि मेरी बाइक भी उठा ले गए। मेरे मरने के बाद मेरा शरीर सरकार को सौंप दिया जाए और मेरे शरीर का एक-एक अंग बेचकर बिजली विभाग का बकाया कर्ज चुका दिया जाएगा।”
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किसान के है 4 बच्चे।
बता दे किसान ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि उसकी तीन बेटियां हैं और एक बेटा है, जिनमें से कोई भी अभी 16 साल से अधिक उम्र का नहीं है। अब किसान के इस कदम के बाद उसके परिवार वालों का रो – रो कर बुरा हाल है।
क्या कहना है पुलिस का।
एएसपी समीर सौरव ने कहा कि किसान ने खुदकुशी की है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। किसान के पिता रिटायर्ड बिजली कर्मचारी हैं। बिजली बिल न देने पर विभाग के लोग कुर्की की कार्रवाई करते हुए इसकी बाइक ले गए थे। ऐसे में ये कारण हो सकता है लेकिन अभी तक ये स्पष्ट नहीं है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।