देशभर में महामारी के दौरान करोडों लोगों की गरीबी दूर करने के लिए IMF ने की Anna Yojna के लिए भारत की तारीफ.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत वाह-वाही बटोर रहा है, अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, कोरोना महामारी के दौरान भारत में अत्यधिक गरीबी के स्तर में किसी भी वृद्धि को रोकने में महत्वपूर्ण रही है.
आईएमएफ (IMF) के एक नए पेपर में पाया गया कि 2019 में भारत में अत्यधिक गरीबी (पीपीपी 1.9 प्रति व्यक्ति प्रति व्यक्ति से कम) 1 प्रतिशत से कम है और यह महामारी वर्ष 2020 के दौरान भी उसी स्तर पर बनी हुई है.
महामारी के पूर्व वर्ष 2019 में अत्यधिक गरीब का स्तर 0.8 फीसदी था और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के प्रभाव के चलते यह महामारी वर्ष 2020 में भी उसी स्तर कायम रहा. खाद्य सबसिडी के बाद असमानता का स्तर अब 0.294 है, यह 1993-94 के इसके सबसे निचले स्तर 0.284 के बेहद करीब है.
कब शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ?
देश में COVID-19 महामारी के बीच मार्च 2020 में इस योजना को शुरू किया गया था और इसे पिछले साल नवंबर में इसे मार्च 2022 तक चार महीनों (दिसंबर 2021-मार्च 2022) के लिए बढ़ा दिया गया था. इस योजना में नियमित मासिक एनएफएसए खाद्यान्न के अलावा प्रति व्यक्ति, प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराना शामिल है. यह लाफ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (NFSA) अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवार के तहत लोगों को प्रदान किया जा रहा है. यह लाभ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) [अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवार] के तहत कवर किए गए लोगों को प्रदान किया जा रहा है, जिनमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के तहत शामिल हैं।