सीबीएसई सहित देश के कई राज्यों के बोर्ड ने अपनी 10वीं 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। इसी क्रम में कई राज्यों ने बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम तैयार करने का फॉर्मूला भी घोषित कर दिया है। इस नीति के बाद अब बच्चों को जिस चीज़ का बेसब्री से इंतज़ार है वो है अपने नतीजों का। लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि देश के सभी राज्य बोर्डों के लिए समान मूल्यांकन नीति बनाना असंभव है।
बता दे कोर्ट 24 जून यानी आज कक्षा बारहवीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि प्रत्येक बोर्ड स्वायत्त और अलग है। इसलिए अदालत इन्हें समान योजना को अपनाने का निर्देश नहीं दे सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश – सभी बोर्ड 31 जुलाई तक जारी करें परिणाम
सुनवाई खत्म होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्डों को आज से 10 दिनों के भीतर मूल्यांकन के लिए योजना को अधिसूचित करने और 31 जुलाई तक आंतरिक मूल्यांकन का परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए हैं।
आंतरिक मूल्यांकन को 10 दिनों के भीतर तैयार किया जाए
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि राज्य बोर्डों को कक्षा 12 की परीक्षाओं के लिए एक आंतरिक मूल्यांकन योजना तैयार करने और मूल्यांकन के आधार पर परिणाम 31 जुलाई तक घोषित करने की आवश्यकता है । इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि आंतरिक मूल्यांकन को 10 दिनों के भीतर तैयार किया जाना चाहिए।
आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले पर कोर्ट ने लगाई फटकार।
वहीं आंध्र प्रदेश सरकार ने जुलाई के आखिरी सप्ताह में बारहवीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य के पास एक ठोस योजना होना चाहिए। साथ ही राज्य को एक निर्णय लेना होगा। प्रदेश छात्रों के जीवन के साथ कैसे खेल सकता है?
CBSE दे चूका है मूल्यांकन नीति का फार्मूला।
गौरतलब है कि CBSE और ICSE बोर्ड द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मूल्यांकन का फॉर्मूला दिया गया जिस पर सुप्रीम कोर्ट अपनी सहमति दे चुका है।
क्या है CBSE का फार्मूला ?
इस फॉर्मूले के तहत 12वीं के रिजल्ट में छात्रों को 30 फीसदी वेटेज 10वीं के रिजल्ट को, 30 फीसदी वेटेज 11वीं फाइनल के रिजल्ट को और 40 फीसदी वेटेज 12वीं प्री-बोर्ड के रिजल्ट को दिया जाएगा। 12वीं की मार्केशीट तैयार करने की डिटेल देते हुए सीबीआई ने कहा कि 10वीं के 5 विषय में से 3 विषय के सबसे अच्छे मार्क को लिया जाएगा, इसी तरह 11वीं के पांचों विषय का एवरेज लिया जाएगा और 12वीं के प्री-बोर्ड एग्जाम और प्रेक्टिकल का नंबर लिया जाएगा। 10वीं के नंबर का 30 परसेंट, 11वीं के नंबर का 30 परसेंट और 12वीं के नंबर के 40 परसेंट के आधार पर नतीजे आएंगे। इतना ही नहीं सीबीएसई ने कहा कि जो बच्चे परीक्षा देना चाहते हैं, उनके लिए बाद में अलग व्यवस्था की जाएगी।