अमेरिकी प्रौद्योगिकी उद्यमी और एंटीवायरस के गुरु कहे जाने वाले जॉन मैकेफी का शव बुधवार को स्पेन की जेल में मिला। जेल अधिकारी द्वारा मिली सूचना के मुताबिक, कोर्ट की ओर से मैकेफी के अमेरिका प्रत्यर्पण किए जाने को मंजूरी देने के कुछ ही देर बाद उनका शव उनकी बैरक में मिला। बता दे मैकेफी पर अमेरिका में टैक्स चोरी का आरोप है। फिलहाल उनके शव मिलने के बाद कयास लगाए जा रहे है कि उन्होंने खुदखुशी की है।
जेल के चिकित्सा दल ने की मौत की पुष्टि।
मैकेफी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बनाने वाले जॉन मैकेफी बार्सिलोना के निकट स्थित जेल की कोठरी में कथित तौर पर आत्महत्या की है। इस खबर के बाद क्षेत्रीय कातालूनिया सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जेल कर्मियों ने मैकेफी को बचाने का पूरा प्रयास किया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। बता दे जेल के चिकित्सा दल ने उनकी मौत की पुष्टि की है।
क्या कहा मैकेफी के वकील ने?
उनकी मौत के बाद मैकेफी के वकील निशाय सनन का कहना है कि मैकेफी को हमेशा परिस्थितियों का सामना करने वाले शख्स के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने इस देश से प्यार करने की कोशिश की, लेकिन अमेरिकी सरकार ने उनके अस्तित्व पर सवालिया निशान लगाने की कोशिश की। सनन ने कथित तौर पर कहा कि – सरकार ने मैकेफी को मिटाने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे।
पिछले साल किया गया था गिरफ्तार।
बता दे मैकेफी को बार्सिलोना एयरपोर्ट से अक्तूबर 2020 को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनकी गिरफ्तारी उस समय हुई, जब वे ब्रिटिश पासपोर्ट के साथ बार्सिलोना एयरपोर्ट पर इस्तांबुल के लिए फ्लाइट पकड़ रहे थे।
क्यों जेल में थे जॉन मैकेफी?
75 वर्षीय जॉन मैकेफी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में जाने माने व्यक्ति थे। उन पर टैक्स चोरी के आरोप थे। मैकेफी पर पर 2014 और 2018 के बीच जानबूझकर टैक्स न भरने का आरोप था। उन्होंने क्रिप्टो करंसी से लाखों की कमाई की और अपने जीवन की कहानी के अधिकार बेचे, तब भी उन्होंने इनकम टैक्स नहीं भरा। दोषी ठहराए जाने पर उन्हें 30 साल तक की जेल हो सकती थी, लेकिन उसके पहले ही उनकी मौत की खबर आ गई।
बीते दिन ही मिली थी मैकेफी को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने की मंज़ूरी।
बता दे स्पेन की कोर्ट ने बुधवार को ही मैकेफी को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने को मंजूरी दी थी। हालांकि, इस फैसले को अभी भी चुनौती दी जा सकती थी और प्रत्यर्पण को स्पेन की कैबिनेट से मंजूरी मिलना भी जरूरी था।
एंटीवायरस गुरु कहे जाते थे मैकेफी।
मैकेफी ने साल 1987 में एंटीवायरस कंपनी की स्थापना की थी। दरअसल साल 1986 में ब्रेन नाम के कंप्यूटर वायरस ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया था जिसके बाद मैकफी ने एक प्रोग्रैमर को कहा कि वह कोई कोड लिखना चाहते हैं, ताकि वायरस का मुकाबला हो सके। उन्होंने इस प्रोग्राम को वायरस स्कैन नाम दिया और कंपनी का नाम रखा मैकेफी एसोसिएट्स।
नासा समेत इन संस्थाओं के साथ किया था काम।
मैकेफी ने वर्ष 1987 में दुनिया का पहला कमर्शियल एंटीवायरस लॉन्च करने से पहले नासा, जिरॉक्स, लॉकहीड मार्टिन जैसी संस्थाओं के साथ काम किया था। उन्होंने अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी इंटेल को वर्ष 2011 में बेच दिया। हालांकि, सॉफ्टवेयर के साथ अब भी उनका नाम जुड़ा हुआ है और दुनियाभर में इसके 50 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं।