वैसे तो कहा जाता है की जितना गहरा माँ -बेटी का रिश्ता होता है उससे ज़्यादा गहरा रिश्ता एक बाप और बेटे में होता है। लेकिन कर्णाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक ऐसा वाक्य सामने आया है जिसे सुन के आप के होश उड़ जायेंगे। दरअसल यहाँ पुलिस ने 50 साल के एक बिजनेसमैन को अपने ही बड़े बेटे की हत्या करवाने के आरोप में अरेस्ट किया है। आरोपी का कहना है कि उसका बेटा संपत्ति में हिस्सेदारी को लेकर उसे बहुत टॉर्चर करता था।
कैसे दिया पिता ने इस क़त्ल को अंजाम।
दरअसल केशव प्रसाद (पिता) ने खुद ही 12 जनवरी को मल्लेश्वरम पुलिस स्टेशन में अपने बेटे कौशल प्रसाद की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई। कौशल (बेटा) एक प्राइवेट कंपनी में इंजिनियर था। वह 10 जनवरी से गायब बताया गया था। रिपोर्ट में पिता ने ये भी बताया था कि उनका बेटा मल्लेश्वरम 18 क्रॉस से एक कार में अपने दोस्तों के साथ गायब हुआ था।
बोर में टुकड़े में मिला था शव।
गुमशुदगी के कुछ दिन बाद कुछ लोगों ने अवलाहल्ली पुलिस को बताया कि इलमअल्लप्पा झील में तीन बोरों से बदबू आ रही है। जब पुलिस ने बोरे खोले तो तीनों में इंसानी शरीर के हिस्से मिले। इसकी सूचना मिलते ही शहर भर के पुलिस कंट्रोल रूम में खबर फैल गई। जल्द ही कौशल के शव की शिनाख्त कर ली गई। हत्या का मुकदमा दर्ज कर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया।
दो संदिग्धों को भी किया गिरफ्तार।
गुमशुदगी के बाद पुलिस को इस मर्डर की सूचना 12 जनवरी को मिली। जिसके बाद जांच के बाद बेंगलुरु ग्रामीण की पुलिस ने मल्लेश्वरम के बीवी केशव प्रसाद और दो संदिग्धों नवीन कुमार और केशव को अरेस्ट कर लिया।
संदिग्धों ने कबूल किया अपराध।
अरेस्ट के बाद जब दोनों आरोपियों पर सख्ती की गई तो उन्होंने कुबूल किया कि खुद कौशल के पिता ने उसकी हत्या के लिए उन्हें 3 लाख रुपये की सुपारी दी थी, इनमें से एक लाख रुपये अडवांस के रूप में दिए गए थे।
क्यों दी पिता ने अपने ही बेटे ही सुपारी ?
जब पिता से पूछताछ हुई तो उन्होंने बताया कि उसका बड़ा बेटा कौशल मल्लेश्वरम में बने एक मकान में अपने हिस्से के लिए उन्हें बहुत तंग करता था। केशव प्रसाद ने कहा, ‘हमने उसे सॉफ्टवेयर इंजिनियर बनने में मदद की लेकिन वह पैसों और प्रॉपर्टी में हिस्से के लिए हमें बहुत टॉर्चर करता था। यहां तक कि अपनी मां को भी पीटता था। इसीलिए उसके पिता ने उसे रास्ते से हटाने का फैसला किया और इसके लिए अपने छोटे बेटे के दो दोस्तों की मदद ली और सुपारी दे दी।’