बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत शुक्रवार (24 July) पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का बयान दर्ज करेगी. इस बयान के लिए आडवाणी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश होना पड़ेग,और ये बयान सीआरपीसी (Crpc) 313 के तहत दर्ज किये जायेंगे। बता दें बाबरी विध्वंस केस में कुल 32 में से 29 आरोपियों के बयान दर्ज हो चुके हैं. लाल कृष्णा आडवाणी के लिए 1000 से ज्यादा सवाल सीबीआई ने तैयार किए हैं.
इससे पहले गुरुवार (23 जुलाई) को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराया था. उन्होंने कोर्ट से खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि घटना के वक्त वह मौके पर मौजूद नहीं थे. यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और मुझे फर्जी तरीके से फंसाया गया है. इसके अलावा जोशी ने सीबीआई के सभी आरोपों को सिरे से नकाराते हुए गवाहों के बयान को भी झूठा करार दिया।
मुरली मनोहर जोशी ने लगाए आरोप –
भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी ने साथ ही कोर्ट से कहा कि सबूत के तौर पर पेश वीडियो कैसेट से छेड़छाड़ की गयी है, जबकि साजिश के तहत कैसेट को जांच में शामिल कराया गया है. इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद कल्याण सिंह राम जन्मभूमि स्थल गए थे और उन्होंने वहां मंदिर निर्माण का संकल्प नहीं दोहराया था. वहीं, जोशी ने उस वक्त के समाचार पत्रों की खबरों का भी खंडन किया. उन्होंने कोर्ट से कहा कि वह अपनी बेगुनाही के सबूत समय आने पर पेश करेंगे. आपको बता दें कि सीबीआई ने बाबरी ढांचा ध्वंस मामले में जोशी से 1050 सवाल पूछे. उनके बयान दर्ज करने का सिलसिला 1 से 3:30 बजे तक चला.
इन – इन के बयान दर्ज होना है बाकी –
बाबरी विध्वंस केस में अब तक 29 आरोपियों के बयान दर्ज हो चुके हैं. अब सिर्फ लाल कृष्ण आडवाणी और सतीश प्रधान के बयान होने हैं. जिसमे 28 जुलाई को सतीश प्रधान के बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग से होंगे. वही इस मामले में एक आरोपी ओमप्रकाश पांडे फ़रार घोषित हैं.