बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को राजनीतिक शरण देने पर भारत सरकार ने दिया बड़ा अपडेट, पढ़ें
भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को तत्काल प्रभाव से राजनीतिक शरण देने के मुद्दे पर भारत ने विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है।बंगलादेश मे हुए तख्तापलट के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा था। वे फिलहाल भारत में हैं। ऐसे में बार-बार सवाल पूछा जा रहा है कि क्या भारत उनको राजनीतिक शरण देगा? इसी को लेकर आज विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है।
इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने गुरुवार को कहा, “हमारे विदेश मंत्री (ईएएम) ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि शेख हसीना को बेहद शॉर्ट नोटिस पर भारत आने की मंजूरी तुरंत दी गई थी। बांग्लादेश की स्थिति अब भी बदल रही है और हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।” इससे पहले संसद में दिए बयान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हसीना ने कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी।
#WATCH दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को राजनीतिक शरण देने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “हमारे विदेश मंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत आने की मंजूरी अल्प सूचना पर दी गई थी…” pic.twitter.com/M0cPSHDTd6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 8, 2024
बांग्लादेश की स्थिति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “खबर है कि आज शाम अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण होगा। एक बार जब ये चीजें हो जाएंगी, तो मैं एक बात पर जोर देना चाहूंगा, सरकार और भारत के लोगों के लिए, बांग्लादेश के लोगों का हित हमारे दिमाग में सबसे ऊपर है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “कुछ घंटे पहले ही विदेश मंत्री की विदेश सचिव डेविड लैमी से बातचीत हुई थी। दोनों नेताओं ने बांग्लादेश और पश्चिम एशिया के विकास के बारे में बात की…”
उन्होंने कहा कि ने कहा, “…विदेश मंत्री ने अपने स्वप्रेरणा वक्तव्य में इस मुद्दे को उठाया था। हम अल्पसंख्यकों की स्थिति पर भी नज़र रख रहे हैं। ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए समूहों और संगठनों द्वारा कई पहल की गई हैं। मैं संसद में विदेश मंत्री द्वारा कही गई बात को दोहराना चाहूंगा, हम इन कदमों का स्वागत करते हैं, लेकिन स्वाभाविक रूप से हम तब तक बहुत चिंतित रहेंगे जब तक कानून और व्यवस्था स्पष्ट रूप से बहाल नहीं हो जाती… हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि हर सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने सभी नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करें। हमें बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की जल्द बहाली की उम्मीद है। यह देश और पूरे क्षेत्र के हित में है…”